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गुरुवार, 3 अगस्त 2023

स्वास्थय के लिए



 *स्वास्थ्य*

        💪 *विकास पुंज* 💪


 ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें :

1. बीपी: 120/80

2. नाड़ी : 70 -100

3. तापमान : 36.8 - 37

4. श्वास : 12-16

5. हीमोग्लोबिन : पुरुष 13.50 - 18

 स्त्री 11.50 - 16

6. कोलेस्ट्रॉल : 130 - 200

7. पोटेशियम : 3.50 - 5

8. सोडियम : 135 - 145

9. ट्राइग्लिसराइड्स : 220

10. शरीर में खून की मात्रा : पीसीवी 30-40%

11. शुगर लेवल :

बच्चों के लिए 70-130

वयस्कों के लिए: 70 - 115

12. आयरन : 8-15 मिलीग्राम

13. श्वेत रक्त कोशिकाएं WBC : 4000 - 11000

14. प्लेटलेट्स : 1,50,000- 4,00,000

15. लाल रक्त कोशिकाएं RBC : 4.50 - 6 मिलियन

16. कैल्शियम : 8.6 -10.3 mg/dL

17. विटामिन D3 : 20 - 50 एनजी/एमएल।

18. विटामिन B12 :  200 - 900 पीजी/एमएल

*40/50/60 वर्ष वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुझाव :*

*पहला सुझाव:* प्यास या ज़रूरत न होने पर भी हर समय पानी पिएं, सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं और उनमें से ज्यादातर शरीर में पानी की कमी के कारण होती हैं. प्रति दिन कम से कम 2 लीटर. *दूसरा निर्देश :* शरीर से जितना हो सके उतना काम करें, शरीर का मूवमेंट होना चाहिए.. जैसे चलना, तैरना, या किसी भी तरह का खेल.

*तीसरा टिप:* कम खाएं.. ज्यादा खाने की लालसा छोड़ें... क्योंकि इससे कभी अच्छा नहीं होता. अपने आप को वंचित मत करें, पर मात्रा कम करें. प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक प्रयोग करें.

*चौथी हिदायत :* वाहन का प्रयोग तब तक न करें जब तक कि अत्यंत आवश्यक न हो. यदि आप कहीं भी किराने का सामान लेने जा रहे हैं, किसी से मिल रहे हैं, या कोई काम कर रहे हैं, तो अपने पैरों पर चलने की कोशिश करें. लिफ्ट, एस्केलेटर का इस्तेमाल करने के बजाय सीढ़ियां चढ़ें.

*पाँचवां निर्देश :* गुस्सा छोड़ दें, चिंता करना छोड़ दें, बातों को इग्नोर करने की कोशिश करें. अपने आप को परेशानी वाली स्थितियों में शामिल न करें. वे सभी स्वास्थ्य को खराब करते हैं और आत्मा की महिमा को हर लेते हैं. सकारात्मक लोगों से बात करें और उनकी बात सुनें.

*छठा निर्देश :* सबसे पहले धन का मोह त्याग दें. अपने आसपास के लोगों से जुड़ें, हंसें और बात करें!  पैसा जीवित रहने के लिए बनाया जाता है, जीवन पैसे के लिए नहीं.

*सातवाँ नोट :* अपने लिए, या किसी ऐसी चीज़ के बारे में खेद महसूस न करें जिसे आप हासिल नहीं कर सके, या ऐसी किसी चीज़ के बारे में जिसका आप सहारा न ले सकें. इसे अनदेखा करें और इसे भूल जाएं.

*आठवीं बात :* धन, पद, प्रतिष्ठा, शक्ति, सौंदर्य, जाति और प्रभाव;  ये सब चीजें अहंकार को बढ़ाती हैं. विनम्रता लोगों को प्यार से करीब लाती है.

*नौवां टिप :* अगर आपके बाल सफेद हैं तो इसका मतलब जीवन का अंत नहीं है. यह एक अच्छे जीवन की शुरुआत है. आशावादी बनें, स्मृति के साथ जिएँ, यात्रा करें और उसका आनंद लें... यादें बनाएं.

*दसवां निर्देश :* अपने छोटों से प्यार, सहानुभूति और स्नेह से मिलें! किसी से भी कुछ भी व्यंग्यात्मक न कहें. अपने चेहरे पर मुस्कान रखें. भूतकाल में आपने कितना भी बड़ा पद क्यों न धारण किया हो, उसे वर्तमान में भूल जाइए और सभी के साथ घुलमिल जाइए!

:- श्री प्रज्ञा सेवा केंद्र आपके स्वस्थ जीवन की कामना करता है।

केंद्र पता:- सुनील S/O श्री नामदेव नाड़ेकर 

ग्राम पोस्ट अमरावती घाट, तह प्रभात पट्टन, बैतूल एमपी,

वर्तमान पता:- श्री प्रज्ञा सेवा केंद्र, साईखेड़ा Mo 9685126801

थाना, तह मुलताई, बैतूल mp

🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏

     

मंगलवार, 1 अगस्त 2023

समयसूचक AM और PM का उद्गगम भारत में


 क्या आप जानते हैं की समयसूचक AM और PM का उद्गगम भारत में ही हुआ था …??


लेकिन हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है :


AM : Ante Meridian

PM : Post Meridian


 एंटे यानि पहले, लेकिन किसके? पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके? यह कभी साफ नहीं किया गया, क्योंकि यह चुराये गये शब्द का लघुतम रूप था।काफ़ी अध्ययन करने के पश्चात ज्ञात हुआ और हमारी प्राचीन संस्कृत भाषा ने इस संशय को साफ-साफ दृष्टिगत किया है। कैसे? देखिये...


AM = आरोहनम् मार्तण्डस्य

PM = पतनम् मार्तण्डस्य


सूर्य, जो कि हर आकाशीय गणना का मूल है, उसी को गौण कर दिया। अंग्रेजी के ये शब्द संस्कृत के उस वास्तविक ‘मतलब' को इंगित नहीं करते।


आरोहणम् मार्तण्डस्य यानि सूर्य का आरोहण या चढ़ाव। पतनम् मार्तण्डस्य यानि सूर्य का ढलाव।

 

बारह बजे के पहले सूर्य चढ़ता रहता है - 'आरोहनम मार्तण्डस्य' (AM)। बारह के बाद सूर्य का अवसान/ ढलाव होता है - 'पतनम मार्तण्डस्य' (PM)।


पश्चिम के प्रभाव में रमे हुए और पश्चिमी शिक्षा पाए कुछ लोगों को भ्रम हुआ कि समस्त वैज्ञानिकता पश्चिम जगत की देन है।


 हम अपनी हजारों साल की समृद्ध विरासत, परंपराओं और संस्कृति का पालन करते हुए भी आधुनिक और उन्नत हो सकते हैं।इस से शर्मिंदा न हों बल्कि इस पर गौरव की अनुभूति करें और केवल नकली सुधारवादी बनने के लिए इसे नीचा न दिखाएं।समय निकालें और इसके बारे में पढ़ें / समझें / बात करें / जानने की कोशिश करें।


अपने “सनातनी" होने पर गौरवान्वित महसूस करें।

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