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रविवार, 31 दिसंबर 2023
अपने निजी संस्थान मे योग प्रशिक्षण सेवा के लिए संपर्क करें!
संस्कृत भाषी गांव
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नया 2023मे बना मंत्रिमंडल
*मुख्यमंत्री*
जनसंपर्क, वित्त,वाणिज्य कर, जेल, विमानन एवं अन्य ऐसे विभाग जो किसी भी मंत्री को आवंटित नहीं हैं
*उप-मुख्यमंत्री*
1- जगदीश देवड़ा — गृह एवं वित्त
2- राजेंद्र शुक्ला— स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा
कैबिनेट मंत्री
3-कैलाश विजयवर्गीय— नगरीय विकास, विधि एवं विधायी, संसदीय कार्य
4- प्रहलाद पटेल— पंचायत एवं ग्रामीण
5- राकेश सिंह— लोक निर्माण
6- विजय शाह— सहकारिता
7- एदल सिंह कसाना— किसान कल्याण
8- प्रदुम्न सिंह तोमर— स्कूल शिक्षा
9- तुलसी सिलावट— जल संसाधन
10-गोविंद सिंह राजपूत— पीएचई
11- विश्वास सारंग— वन एवं परिवहन
12- इंदर सिंह परमार— तकनीकी शिक्षा उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास
13- उदय प्रताप सिंह— उच्च शिक्षा
14- करण सिंह वर्मा — राजस्व
15- नारायण सिंह कुशवाहा— उद्यानिकी
16-संपतिया उईके— जनजातीय कार्य
17-निर्मला भूरिया— महिला बाल विकास
18-नागर सिंह चौहान— खेल एवं युवक कल्याण, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम
19-चैतन्य कश्यप — उद्योग एवं योजना आर्थिक सांख्यिकीय
20- राकेश शुक्ला — आईटी, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार )
19-कृष्णा गौर — पर्यटन एवं गैस राहत
20-धर्मेंद्र लोधी — श्रम
21-दिलीप जायसवाल— खाद्य नागरिक आपूर्ति
22-गौतम टेटवाल — ऊर्जा
23- लेखन पटेल — मत्स्य विभाग
24- नारायण पवार — सामान्य प्रशासन
राज्यमंत्री -
25--राधा सिंह
26-प्रतिमा बागरी
27-दिलीप अहिरवार
28-नरेन्द्र शिवाजी पटेल
शनिवार, 23 दिसंबर 2023
165/भगवद गीता सार/अध्याय 5/
165/भगवद गीता सार/अध्याय 5/
22दिसंबर 2023
अध्याय ५
कर्म संन्यास योग
भगवद गीता के अध्याय ५ का शीर्षक "कर्म संन्यास योग" है, जिसका अनुवाद "कार्रवाई और त्याग का योग" है। यह अध्याय कर्म की अवधारणा और परिणामों के प्रति आसक्ति के बिना कर्म करने के महत्व की गहराई से जांच-पड़ताल करता है। अध्याय की शुरुआत अर्जुन द्वारा भगवान श्री कृष्ण से संन्यास (त्याग) और त्याग (त्याग) के बीच के अंतर के विषय में किए गए प्रश्न से होती है और वह पूछता है कि कौन सा मार्ग श्रेष्ठ है। भगवान श्री कृष्ण समझाते हैं कि दोनों मार्ग मुक्ति के एक ही लक्ष्य की ओर ले जाते हैं, लेकिन कर्म योग का मार्ग, जिसमें वैराग्य के साथ कर्म करना शामिल है, श्रेष्ठ है क्योंकि अपने दैनिक जीवन में इसका पालन करना आसान है।
भगवान श्री कृष्ण आगे समझाते हैं कि आसक्ति के बिना कर्म करना आसान नहीं है और इसके लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है, लेकिन यह व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास के लिए आवश्यक है। वे सिखाते हैं कि व्यक्ति को अपने कर्मों के फल के प्रति आसक्त नहीं होना चाहिए और व्यक्तिगत लाभ की इच्छा के बिना अपने कर्तव्य का पालन करने पर ध्यान देना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण सुख और दुख दोनों से वैराग्य के महत्व पर भी चर्चा करते हैं, क्योंकि दोनों ही आसक्ति की ओर ले जा सकते हैं और व्यक्ति को उसके आध्यात्मिक पथ से विचलित कर सकते हैं।
पूरे अध्याय में, भगवान श्री कृष्ण निःस्वार्थ कर्म और वैराग्य के महत्व पर जोर देते हैं। वे बताते हैं कि बिना आसक्ति के कर्म करने से व्यक्ति शांति और समभाव की स्थिति प्राप्त कर सकता है। अध्याय भगवान श्री कृष्ण द्वारा योग के अंतिम लक्ष्य की चर्चा के साथ समाप्त होता है, जो जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त करना और परमात्मा के साथ एकता प्राप्त करना है।
जय श्री कृष्ण
शुक्रवार, 22 दिसंबर 2023
*सरकार ने पटवारी शिकायत जारी किये हेल्पलाइन नंबर*
*ब्रेकिंग*
*पटवारियों पर सरकार हुई सख्त*
*सरकार ने जारी किये हेल्पलाइन नंबर*
*अब कोई भी पटवारी अगर जमीन के सीमांकन, नामांकरण या अन्य कार्य के लिए रिश्वत् की माँग करता है,*
*तो सरकार ने जारी किया है* *हेल्पलाइन नंबर 9630524516 एवं टोल फ्री नम्बर–155343*
*इस नंबर पर पटवारी के विरुद्ध* *शिकायत दर्ज करवाई जा सकते है।*
पपीते के पत्तों का कैंसर मे इलाज
पपीते के पत्ते की चाय -
किसी भी स्टेज के कैंसर को सिर्फ 60 से 90 दिन में जड़ से खत्म किया जा सकता है।
पपीते के पत्ते –
तीसरी और चौथी स्टेज का कैंसर सिर्फ 35 से 90 दिनों में ठीक हो सकता है।
अब तक -
हम इंसानों ने पपीते के पत्तों का इस्तेमाल बहुत ही सीमित तरीके से किया होगा...
(खासतौर पर प्लेटलेट कम करने या त्वचा संबंधी या अन्य किसी छोटे या बड़े प्रयोग के लिए)
लेकिन,
आज हम आपको क्या बताने जा रहे हैं -
ये वाकई आपको हैरान कर देगा.
आप सिर्फ पांच हफ्ते में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म कर सकते हैं।
यह प्रकृति की एक शक्ति है
अनेक प्रकार की वैज्ञानिक खोजों से बहुत सारा ज्ञान प्राप्त हुआ जो -
पपीते के हर भाग जैसे फल, तना, बीज, पत्तियां, जड़ सभी में कैंसर कोशिकाओं को मारने और उसके विकास को रोकने के लिए शक्तिशाली औषधि होती है।
विशेष रूप से -
पपीते की पत्तियों में कैंसर कोशिकाओं को मारने और उनकी वृद्धि को रोकने के गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
तो आइए जानें...
यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा (2010) और अमेरिका तथा जापान के अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरों और शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध से यह पता चला है कि -
पपीते की पत्तियों में कैंसर कोशिकाओं को मारने का गुण पाया जाता है।
श्री। नाम डांग - एमडी, पीएचडी जो एक आविष्कारक हैं,
उसके अनुसार -
पपीते की पत्तियां सीधे कैंसर का इलाज कर सकती हैं,
उसके अनुसार -
पपीते की पत्तियां करीब 10 तरह के कैंसर को खत्म कर सकती हैं।
इनमें से प्रमुख हैं-
स्तन कैंसर,
फेफड़े का कैंसर,
यकृत कैंसर,
अग्न्याशय का कैंसर,
गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर,
इसमें जितनी ज्यादा पपीते की पत्तियां डाली जाएंगी.
परिणाम उतना ही बेहतर होगा.
पपीते की पत्तियां कैंसर का इलाज कर सकती हैं
और,
कैंसर को बढ़ने से रोकता है।
तो आइए जानें-
पपीते की पत्तियां कैंसर का इलाज कैसे करती हैं?
(1) पपीता कैंसर रोधी अणुओं Th1 साइटोकिन्स के उत्पादन को बढ़ाता है।
जो इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है.
जिससे कैंसर कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।
(2) पपीते के पत्ते में पपेन नमक है -
प्रोटियोलिटिक एंजाइम पाए जाते हैं,
जो कैंसर कोशिकाओं पर प्रोटीन कोटिंग को तोड़ देता है...
इससे कैंसर कोशिकाओं का शरीर में जीवित रहना मुश्किल हो जाता है।
इस प्रकार,
पपीते के पत्ते की चाय-
रोगी के रक्त में मिलकर मैक्रोफेज को उत्तेजित करता है...
प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करके,
कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देता है।
कीमोथेरेपी/रेडियोथेरेपी और पपीते के पत्तों से उपचार के बीच मुख्य अंतर यह है -
कीमोथेरेपी में –
प्रतिरक्षा प्रणाली 'दबी हुई' है।
जबकि पपीता निकलता है -
प्रतिरक्षा प्रणाली को 'उत्तेजित' करता है,
कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी में सामान्य कोशिकाएं भी 'प्रभावित' होती हैं।
पपीता केवल कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि -
कैंसर के इलाज में पपीते की पत्तियों का भी कोई 'साइड इफेक्ट' नहीं होता है।
*कैंसर में पपीते का सेवन नियम:
कैंसर के लिए सर्वोत्तम पपीते की चाय :-
दिन में 3 से 4 बार बनाएं पपीते की चाय
यह आपके लिए बहुत फायदेमंद है.
आइए अब जानते हैं -
पपीते की चाय कैसे बनाएं:-
(1) सबसे पहले 5 से 7 पपीते के पत्तों को धूप में अच्छी तरह सुखा लें।
तब,
इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ लें.
आपके पास 500 मि.ली. पानी में -
कुछ सूखे पपीते के पत्ते डालें और अच्छी तरह उबालें।
इतना उबालें कि -
यह आधा रह गया है.
आप इसे 125 ml दे सकते हैं. दिन में 2 बार करी पियें।
और,
अगर ज्यादा बनता है तो इसे दिन में 3 से 4 बार पियें।
बचे हुए तरल को फ्रिज में रखें और आवश्यकतानुसार उपयोग करें।
इसका रखें ख्याल-
इसे दोबारा गर्म न करें.
(2) 7 ताजी पपीते की पत्तियां लें,
- इसे हाथ से अच्छी तरह गूंथ लें.
अब इसे 1 लीटर पानी में उबालें.
जब यह 250 मि.ली. यदि यह बढ़ जाए तो इसे छानकर 125 मि.ली. इसे 2 टाइम यानि सुबह और शाम पियें।
इस प्रयोग को आप दिन में 3 से 4 बार कर सकते हैं।
आप जितना अधिक पपीते के पत्तों का उपयोग करेंगे...
उतनी ही जल्दी आपको लाभ मिलेगा.
टिप्पणी :-
इस चाय को पीने के आधे घंटे तक आपको कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए।
*कब तक करना है यह प्रयोग?
तो यह प्रयोग आपको 5 सप्ताह में अपना परिणाम दिखा देगा...
हालाँकि
हम आपको इसे 3 महीने तक इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
और,
ये लोग जो समझ गए हैं,
उन लोगों ने उन लोगों का भी भला किया है,
जिनका कैंसर 'तीसरे' या 'चौथे' चरण का था।
ये संदेश -
सभी को भेजने हेतु एक विनम्र अनुरोध।
एक कतरा चाहिए...
ताकि अन्य जरूरतमंदों तक पहुंचा जा सके।
डॉ. धनेश सूरत _/कनाडा मोबाइल 99796 18999
कैंसर में 25 वर्ष का अनुभव
➖➖➖➖➖
निस्वार्थ प्रचारक
महेश्वर सुखवाल
C/O
तेरहँवा ज्योतिर्लिंग
श्रृंगेश्वर महादेव
श्रृंगीधाम
तहसिल-रेलमंगरा
जिला-राजसमंद
राजस्थान 313211
वाटसप नम्बर
8484969595
कृपया इस मेसेज को आपके सभी समुहो मे भेजे हो सके किसी का भला हो जाये और आपको उसका आशीर्वाद मील जाये
शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023
हार्ट अटैक से जुड़ी फायदे की बाते
हार्ट अटैक..हमारे देश भारत में 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे..उनका नाम था महाऋषि वागवट जी उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम है अष्टांग हृदयम (Astang hrudayam) और इस पुस्तक में उन्होंने बीमारियों को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखें थे
यह उनमें से ही एक सूत्र है वागवट जी लिखते हैं कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है मतलब दिल की नलियों मे blockage होना शुरू हो रहा है !
तो इसका मतलब है कि रक्त (blood) में , acidity (अम्लता ) बढ़ी हुई है अम्लता आप समझते हैं जिसको अँग्रेजी में कहते हैं acidity
अम्लता दो तरह की होती है एक होती है पेट की अम्लता और एक होती है रक्त (blood) की अम्लता आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट में जलन सी हो रही है खट्टी खट्टी डकार आ रही हैं मुंह से पानी निकल रहा है
और अगर ये अम्लता (acidity) और बढ़ जाये
तो hyperacidity होगी और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अम्लता (blood acidity) होती है और जब blood में acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त (blood) दिल की नलियों में से निकल नहीं पाती और नलियों में blockage कर देता है तभी heart attack होता है इसके बिना heart attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं
क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है इलाज क्या है ?वागवट जी लिखते हैं कि जब रक्त (blood) में अम्लता (acidity) बढ़ गई है तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो क्षारीय हैं आप जानते हैं दो तरह की चीजें होती हैं अम्लीय और क्षारीय
acidic and alkaline अब अम्ल और क्षार को मिला दो तो क्या होता है ?acid and alkaline को मिला दो तो क्या होता है ? neutral
होता है सब जानते हैं तो वागवट जी लिखते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय (alkaline) चीजें खाओ तो रक्त की अम्लता (acidity) neutral हो जाएगी और रक्त में अम्लता neutral हो गई तो heart attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं ये है सारी कहानी अब आप पूछेंगे कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जो क्षारीय हैं और हम खायें ? आपके रसोई घर में ऐसी बहुत सी चीजें है जो क्षारीय हैं जिन्हें आप खायें तो कभी heart attack न आए और अगर आ गया है तो दुबारा न आए यह हम सब जानते हैं कि सबसे ज्यादा क्षारीय चीज क्या हैं और सब घर मे आसानी से उपलब्ध रहती हैं, तो वह है लौकी जिसे दुधी भी कहते हैं English में इसे कहते हैं bottle gourd जिसे आप सब्जी के रूप में खाते हैं ! इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है
तो आप रोज लौकी का रस निकाल-निकाल कर पियो या कच्ची लौकी खायो वागवट जी कहते हैं रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है तो आप लौकी के रस का सेवन करें कितना सेवन करें ? रोज 200 से 300 मिलीग्राम पियो कब पिये ? सुबह खाली पेट (toilet जाने के बाद ) पी सकते हैं या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते हैं इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो तुलसी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं पुदीना भी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले
ये भी बहुत क्षारीय है लेकिन याद रखें नमक काला या सेंधा ही डाले वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डाले ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है
तो आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करें
2 से 3 महीने की अवधि में आपकी सारी heart की blockage को ठीक कर देगा 21 वें दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा
कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी
घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जाएँगे आपने पूरी पोस्ट पढ़ी , आपका बहुत- बहुत धन्यवाद !
:- श्री प्रज्ञा सेवा केंद्र
9685126801🌹🙏
LIFE
*Shri pragya services*🇮🇳 Whatsapp _*+91-9685126801**Call 🤳🏻_*+91-6263902970* 👉ONLINE INTERACTIV
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✍️बंधुओ सरकार के पास जनता के स्वास्थ्यय के लिए जो फण्ड रहता है वो फण्ड स्वास्थ्यय विभागों मे दिया जाता है लेकिन योग के माध्यम से सरकार के य...
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उत्तर प्रदेश बरेली जिला के गंज गांव में वर पक्ष की मांगो से आश्चर्यचकित हुआ वधु परिवार, विवाह पूर्व एक लड़के की अनोखी मांगों से लड़की वाले...
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#कोरोना से बचाव योग से मिल रहा समाधान आज पूरी दुनिया मे तृतीय विश्व युद्ध स्तर का संग्राम चीन देश से छिड़ गया जिसके चलते त्राहि त्राहि मनुजत...