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शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023

हार्ट अटैक से जुड़ी फायदे की बाते


 हार्ट अटैक..हमारे  देश  भारत  में  3000 साल  पहले  एक  बहुत  बड़े ऋषि  हुये  थे..उनका  नाम  था महाऋषि वागवट  जी उन्होंने एक   पुस्तक   लिखी थी जिसका  नाम  है अष्टांग हृदयम (Astang    hrudayam) और  इस  पुस्तक  में  उन्होंने बीमारियों  को  ठीक  करने  के लिए 7000 सूत्र  लिखें  थे 

यह  उनमें  से  ही  एक  सूत्र है वागवट  जी  लिखते  हैं  कि कभी  भी  हृदय  को  घात  हो रहा  है मतलब  दिल  की  नलियों  मे blockage  होना  शुरू  हो  रहा   है !

तो  इसका  मतलब  है  कि रक्त  (blood)  में , acidity (अम्लता )  बढ़ी  हुई  है अम्लता  आप  समझते  हैं जिसको  अँग्रेजी  में  कहते  हैं acidity 

अम्लता  दो  तरह  की  होती है एक  होती  है   पेट  की अम्लता और  एक  होती  है  रक्त (blood)  की  अम्लता आपके  पेट  में  अम्लता  जब बढ़ती  है तो आप  कहेंगे पेट  में जलन सी  हो  रही  है खट्टी  खट्टी  डकार  आ रही  हैं मुंह  से  पानी  निकल  रहा  है 

और  अगर  ये  अम्लता (acidity) और  बढ़  जाये 

तो  hyperacidity  होगी और  यही  पेट  की  अम्लता बढ़ते-बढ़ते  जब  रक्त  में  आती  है  तो  रक्त  अम्लता (blood  acidity)  होती है और  जब  blood  में  acidity बढ़ती  है  तो  ये  अम्लीय  रक्त (blood)  दिल  की  नलियों  में से  निकल  नहीं  पाती और  नलियों  में  blockage कर  देता  है तभी  heart  attack  होता है  इसके  बिना heart attack  नहीं  होता और  ये  आयुर्वेद  का  सबसे बढ़ा  सच  है  जिसको  कोई डाक्टर  आपको  बताता  नहीं 

क्योंकि  इसका  इलाज  सबसे सरल  है इलाज  क्या  है ?वागवट  जी  लिखते  हैं  कि जब  रक्त  (blood)  में  अम्लता  (acidity)  बढ़  गई है तो  आप  ऐसी  चीजों  का उपयोग  करो  जो  क्षारीय  हैं आप  जानते  हैं  दो  तरह  की चीजें  होती  हैं अम्लीय  और  क्षारीय 

acidic  and  alkaline अब  अम्ल  और  क्षार  को मिला  दो  तो  क्या  होता है ?acid  and  alkaline  को मिला  दो  तो  क्या  होता है ? neutral

होता  है  सब  जानते  हैं तो  वागवट  जी  लिखते  हैं कि  रक्त  की  अम्लता  बढ़ी हुई  है  तो  क्षारीय (alkaline) चीजें  खाओ तो  रक्त  की  अम्लता (acidity)  neutral  हो जाएगी और  रक्त  में  अम्लता neutral  हो  गई तो  heart  attack  की जिंदगी  मे  कभी  संभावना  ही नहीं ये  है  सारी  कहानी अब  आप  पूछेंगे कि  ऐसी कौन  सी  चीजें  हैं  जो  क्षारीय हैं  और  हम  खायें ? आपके  रसोई  घर  में  ऐसी बहुत  सी  चीजें  है  जो  क्षारीय हैं जिन्हें  आप  खायें  तो  कभी heart attack  न  आए और  अगर  आ  गया  है तो  दुबारा  न  आए यह हम सब जानते हैं कि सबसे  ज्यादा  क्षारीय चीज क्या हैं और सब घर मे आसानी से उपलब्ध रहती हैं, तो वह  है लौकी जिसे  दुधी  भी  कहते  हैं English  में  इसे  कहते  हैं bottle  gourd जिसे  आप  सब्जी  के  रूप  में खाते  हैं ! इससे  ज्यादा  कोई  क्षारीय चीज  ही  नहीं  है

तो  आप  रोज  लौकी  का  रस निकाल-निकाल  कर  पियो या  कच्ची  लौकी  खायो वागवट  जी  कहते  हैं  रक्त की  अम्लता  कम  करने  की सबसे  ज्यादा  ताकत  लौकी  में ही  है तो  आप  लौकी  के  रस  का सेवन  करें कितना   सेवन करें ? रोज  200  से  300  मिलीग्राम   पियो कब   पिये ? सुबह  खाली  पेट (toilet जाने के बाद ) पी  सकते  हैं या  नाश्ते  के  आधे  घंटे  के बाद  पी  सकते  हैं इस  लौकी  के  रस  को  आप और  ज्यादा  क्षारीय  बना सकते  हैं इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो तुलसी  बहुत  क्षारीय  है इसके  साथ  आप  पुदीने  के  7  से 10  पत्ते  मिला  सकते  हैं पुदीना  भी बहुत  क्षारीय  है इसके  साथ  आप  काला नमक  या  सेंधा  नमक  जरूर डाले 

ये भी बहुत क्षारीय है लेकिन  याद  रखें नमक काला या सेंधा ही डाले वो  दूसरा  आयोडीन  युक्त नमक  कभी  न  डाले ये  आओडीन  युक्त  नमक अम्लीय  है 

तो  आप  इस  लौकी  के जूस  का  सेवन  जरूर  करें 

2  से  3  महीने  की  अवधि में आपकी  सारी  heart  की blockage  को  ठीक  कर देगा 21  वें  दिन  ही  आपको  बहुत ज्यादा  असर  दिखना  शुरू  हो जाएगा 

कोई  आपरेशन  की  आपको जरूरत  नहीं  पड़ेगी 

घर  में  ही  हमारे  भारत  के आयुर्वेद  से  इसका  इलाज  हो जाएगा और  आपका  अनमोल  शरीर और  लाखों  रुपए  आपरेशन के  बच  जाएँगे आपने  पूरी  पोस्ट  पढ़ी , आपका   बहुत- बहुत धन्यवाद !

 :- श्री प्रज्ञा सेवा केंद्र

9685126801🌹🙏

गुरुवार, 3 अगस्त 2023

स्वास्थय के लिए



 *स्वास्थ्य*

        💪 *विकास पुंज* 💪


 ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें :

1. बीपी: 120/80

2. नाड़ी : 70 -100

3. तापमान : 36.8 - 37

4. श्वास : 12-16

5. हीमोग्लोबिन : पुरुष 13.50 - 18

 स्त्री 11.50 - 16

6. कोलेस्ट्रॉल : 130 - 200

7. पोटेशियम : 3.50 - 5

8. सोडियम : 135 - 145

9. ट्राइग्लिसराइड्स : 220

10. शरीर में खून की मात्रा : पीसीवी 30-40%

11. शुगर लेवल :

बच्चों के लिए 70-130

वयस्कों के लिए: 70 - 115

12. आयरन : 8-15 मिलीग्राम

13. श्वेत रक्त कोशिकाएं WBC : 4000 - 11000

14. प्लेटलेट्स : 1,50,000- 4,00,000

15. लाल रक्त कोशिकाएं RBC : 4.50 - 6 मिलियन

16. कैल्शियम : 8.6 -10.3 mg/dL

17. विटामिन D3 : 20 - 50 एनजी/एमएल।

18. विटामिन B12 :  200 - 900 पीजी/एमएल

*40/50/60 वर्ष वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुझाव :*

*पहला सुझाव:* प्यास या ज़रूरत न होने पर भी हर समय पानी पिएं, सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं और उनमें से ज्यादातर शरीर में पानी की कमी के कारण होती हैं. प्रति दिन कम से कम 2 लीटर. *दूसरा निर्देश :* शरीर से जितना हो सके उतना काम करें, शरीर का मूवमेंट होना चाहिए.. जैसे चलना, तैरना, या किसी भी तरह का खेल.

*तीसरा टिप:* कम खाएं.. ज्यादा खाने की लालसा छोड़ें... क्योंकि इससे कभी अच्छा नहीं होता. अपने आप को वंचित मत करें, पर मात्रा कम करें. प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक प्रयोग करें.

*चौथी हिदायत :* वाहन का प्रयोग तब तक न करें जब तक कि अत्यंत आवश्यक न हो. यदि आप कहीं भी किराने का सामान लेने जा रहे हैं, किसी से मिल रहे हैं, या कोई काम कर रहे हैं, तो अपने पैरों पर चलने की कोशिश करें. लिफ्ट, एस्केलेटर का इस्तेमाल करने के बजाय सीढ़ियां चढ़ें.

*पाँचवां निर्देश :* गुस्सा छोड़ दें, चिंता करना छोड़ दें, बातों को इग्नोर करने की कोशिश करें. अपने आप को परेशानी वाली स्थितियों में शामिल न करें. वे सभी स्वास्थ्य को खराब करते हैं और आत्मा की महिमा को हर लेते हैं. सकारात्मक लोगों से बात करें और उनकी बात सुनें.

*छठा निर्देश :* सबसे पहले धन का मोह त्याग दें. अपने आसपास के लोगों से जुड़ें, हंसें और बात करें!  पैसा जीवित रहने के लिए बनाया जाता है, जीवन पैसे के लिए नहीं.

*सातवाँ नोट :* अपने लिए, या किसी ऐसी चीज़ के बारे में खेद महसूस न करें जिसे आप हासिल नहीं कर सके, या ऐसी किसी चीज़ के बारे में जिसका आप सहारा न ले सकें. इसे अनदेखा करें और इसे भूल जाएं.

*आठवीं बात :* धन, पद, प्रतिष्ठा, शक्ति, सौंदर्य, जाति और प्रभाव;  ये सब चीजें अहंकार को बढ़ाती हैं. विनम्रता लोगों को प्यार से करीब लाती है.

*नौवां टिप :* अगर आपके बाल सफेद हैं तो इसका मतलब जीवन का अंत नहीं है. यह एक अच्छे जीवन की शुरुआत है. आशावादी बनें, स्मृति के साथ जिएँ, यात्रा करें और उसका आनंद लें... यादें बनाएं.

*दसवां निर्देश :* अपने छोटों से प्यार, सहानुभूति और स्नेह से मिलें! किसी से भी कुछ भी व्यंग्यात्मक न कहें. अपने चेहरे पर मुस्कान रखें. भूतकाल में आपने कितना भी बड़ा पद क्यों न धारण किया हो, उसे वर्तमान में भूल जाइए और सभी के साथ घुलमिल जाइए!

:- श्री प्रज्ञा सेवा केंद्र आपके स्वस्थ जीवन की कामना करता है।

केंद्र पता:- सुनील S/O श्री नामदेव नाड़ेकर 

ग्राम पोस्ट अमरावती घाट, तह प्रभात पट्टन, बैतूल एमपी,

वर्तमान पता:- श्री प्रज्ञा सेवा केंद्र, साईखेड़ा Mo 9685126801

थाना, तह मुलताई, बैतूल mp

🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏

     

मंगलवार, 1 अगस्त 2023

समयसूचक AM और PM का उद्गगम भारत में


 क्या आप जानते हैं की समयसूचक AM और PM का उद्गगम भारत में ही हुआ था …??


लेकिन हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है :


AM : Ante Meridian

PM : Post Meridian


 एंटे यानि पहले, लेकिन किसके? पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके? यह कभी साफ नहीं किया गया, क्योंकि यह चुराये गये शब्द का लघुतम रूप था।काफ़ी अध्ययन करने के पश्चात ज्ञात हुआ और हमारी प्राचीन संस्कृत भाषा ने इस संशय को साफ-साफ दृष्टिगत किया है। कैसे? देखिये...


AM = आरोहनम् मार्तण्डस्य

PM = पतनम् मार्तण्डस्य


सूर्य, जो कि हर आकाशीय गणना का मूल है, उसी को गौण कर दिया। अंग्रेजी के ये शब्द संस्कृत के उस वास्तविक ‘मतलब' को इंगित नहीं करते।


आरोहणम् मार्तण्डस्य यानि सूर्य का आरोहण या चढ़ाव। पतनम् मार्तण्डस्य यानि सूर्य का ढलाव।

 

बारह बजे के पहले सूर्य चढ़ता रहता है - 'आरोहनम मार्तण्डस्य' (AM)। बारह के बाद सूर्य का अवसान/ ढलाव होता है - 'पतनम मार्तण्डस्य' (PM)।


पश्चिम के प्रभाव में रमे हुए और पश्चिमी शिक्षा पाए कुछ लोगों को भ्रम हुआ कि समस्त वैज्ञानिकता पश्चिम जगत की देन है।


 हम अपनी हजारों साल की समृद्ध विरासत, परंपराओं और संस्कृति का पालन करते हुए भी आधुनिक और उन्नत हो सकते हैं।इस से शर्मिंदा न हों बल्कि इस पर गौरव की अनुभूति करें और केवल नकली सुधारवादी बनने के लिए इसे नीचा न दिखाएं।समय निकालें और इसके बारे में पढ़ें / समझें / बात करें / जानने की कोशिश करें।


अपने “सनातनी" होने पर गौरवान्वित महसूस करें।

रविवार, 30 जुलाई 2023

हिमालय का नाग पुष्प के प्रयोग जाने..

 

हमारी दुनिया में बहुत से पेड़ पौधे पाए जाते हैं. इन पेड़ पौधों का हमारे जीवन में बहुत ही महत्व होता है. पेड़ पौधे हमें ऑक्सीजन देते हैं, जिसके कारण हमें सांस लेने में कोई भी परेशानी नहीं होती है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है, कि कोई कुछ प्राकृतिक नाम से भी जाना जाता है. आज ऐसे रहस्यमई पुष्प के बारे में आपको बताने वाले हैं, जिसकी बारे में ना आपने सोचा होगा ना ही कभी पड़ा होगा. नागपुष्प का रहस्य हमारे भारत देश में बहुत ही प्रचलित है. इसलिए आज इस पुष्प के बारे में पूरी जानकारी इस पोस्ट में बताएंगे.

नागपुष्प का रहस्य क्या हैं ?

हमारी दुनिया बहुत से ऐसे पेड़ पौधों से भरी हुई है. जिनको हमने कभी देखा भी नहीं है और यह देखने में बहुत सुंदर दिखाई पड़ते हैं. भारत के हिमालय पर्वत पर बहुत से ऐसे ही पेड़ पौधे हमें देखने को मिल जाते हैं. जो देखने के साथ-साथ अपने अंदर एक खासियत भी रखते हैं.एक पुष्प हिमालय पर्वत पर कई सालों के बाद देखने को मिलता है. जिसका नाम नागपुष्प है, वहीं नागपुष्प एक संस्कृत शब्द है जिसका वैज्ञानिक नाम ‘Mesua ferrea‘ है. ये एक सदाबहार पेड़ है और इसके फूल हर साल गर्मी के मौसम में उगते हैं.

नागपुष्प के बारे में कुछ दिलचस्प बातें….

  • यह पुष्प हिमालय की चोटियों पर फलों में पाया जाता है.
  • इस पुष्प की शाखाएं नाग के फन की तरह होती है इसलिए इस पुस्तक को नागपुर को कहा जाता है.
  • यह पुष्प 36 सालों में एक बार हिमालय पर्वत पर खिलता है.
  • ये पुष्प केवल रात में ही खिलता है.
  • इस पुष्प पर शेषनाग रहते हैं और यह पुष्प शेषनाग से सम्बन्ध रखता है.
  • इस पुष्प का प्रयोग रोगों में भी किया जाता है.
  • इससे बहुत अच्छी सुगंध प्राप्त होती है जिसके प्रयोग से अच्छे से अच्छा रोग सही हो जाता है.
  • पुष्प में 42 पंक्तियां पाई जाती है जो सांप की तरहलटकी रहती है.
  • इस पुष्प को अन्य किसी भी देश में नहीं देखा गया है.
  • उत्तराखंड में नागपुष्प सबसे पहली बार हिमालय में पाया गया था.
  • इसको पाने के लिए कई दिनों पर इस पुष्प को खोजा गया था.

शनिवार, 29 जुलाई 2023

बुधवार, 26 जुलाई 2023

बेरोजगार लड़के लड़कियों के लिए संदेश







 हाई एजुकेटेड बेरोजगार युवक एक बात गांठ बांध लें।


6 महीने में आप बाइक के मैकेनिक बन सकते हो।

6 महीने में आप कार के मैकेनिक बन सकते हो।

6 महीने में आप साइकिल के मकैनिक बन सकते हो।

6 महीने में आप मधुमक्खी पालन सीख सकते हो।

6 महीने में आप दर्जी का काम सिख सकते हो।

6 महीने में आप डेयरी फार्मिंग सीख सकते हो।

6 महीने में आप हलवाई का काम सीख सकते हो।

6 महीने में आप घर की इलेक्ट्रिक वायरिंग सीख सकते हो।

6 महीने में आप घर का प्लंबर का कार्य सीख सकते हो।

6 महीने में आप मोबाइल रिपेयरिंग सीख सकते हो।

6 महीने में आप जूते बनाना सीख सकते हो।

6 महीने में आप दरवाजे बनाना सीख सकते हो।

6 महीने में आप वेल्डिंग का काम सीख सकते हो।

6 महीने में आप मिट्टी के बर्तन बनाना सीख सकते हो।

6 महीने में आप घर की चिनाई करना सीख सकते हैं।

6 महीने में आप योगासन सीख सकते हो।

6 महीने में आप मशरूम की खेती का काम सीख सकते हो।

6 महीने में आप बाल काटने सीख सकते हो।

6 महीने में आप बहुत से काम ऐसे सीख सकते हो जो आपके परिवार को भूखा नहीं सोने देगा।

आज भारत में सबसे अधिक दुखी वह लोग हैं जो बहुत अधिक पढ़ लिखकर बेरोजगार हैं।

जो शिक्षा आप को रोजगार न दे सके वह शिक्षा किसी काम की नहीं।

रोजगार के लिए आपका अधिक पढ़ा लिखा होना कोई मायने नहीं।

भारत में 90% रोजगार वे लोग कर रहे हैं जो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं।

10% रोजगार पाने के लिए पढ़े लिखे लोगों में मारामारी है।।


स्वयं विचार करे आप के लिए रोजगार के सम्पर्क करने के लिए

बेरोजगार लड़की लड़के whatsapp पर message kare - Dijital Rojgar 

Whatsapp 9685126801

(योग प्रशिक्षक व डिजिटल रोजगार कंसल्टेंट )

पंडित: सुनील नाडेकर 

श्री प्रज्ञा सेवा केंद्र - डिजिटल सेवा।

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