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बुधवार, 25 सितंबर 2024
सामुहिक् तर्पण पिंडदान सामग्री लिस्ट ***
* सामुहिक् तर्पण पिंडदान सामग्री लिस्ट ***
*****पंडितजी मो.9685126801******
मार्गदर्शन :- श्री मदनजी सातपुते महाराज (,अमरावती घाट). मो. 7470366653
स्थान : बलेगाव ताप्ती घाट तह मुलताई बैतूल mp
समय तिथि : सुबह् 8बजे से 12बजे तक
🪔 नवमी श्राद्ध गुरुवार 26 सितम्बर 2024
🪔 सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध 2 अक्टूम्बर 2024
1. पलाश के पत्ते की दो पत्तल या डिस्पोजल पत्तल ,2 गिलास डिस्पोजल ,
1 ताम्बे का लोटा , आटा भिगोने के लिए थाली 1,
जौ का आटा 1पाव् या गेहूं का
2. दूध ,दही, शहद ,
3. उड़द मुंग के 5 बड़े फीके बिना मिर्च बिना नमक के, बिना लहसुन प्याज़ के !
4. एक जोड़ी कपड़े या धोति बदलने के लिए टॉवल
5. जनेऊ यज्ञोपवित 1जोडी
6. काश एवं काश की कुश पवित्री अंगूठी बनाकर लाये !
7. चंदन , सफ़ेद फुल ,काले तिल जोौ ,चावल अक्षत 100 ग्राम ,
गुड़ सभी थोड़ा थोड़ा लेवे , धुपबत्ति , माचिस , आटे का दीपक, कपास बत्ती, सिक्के 5 ,
8. हवन पुड़ा 50.gm, हवन की लकड़ी , घी .50ml ,कपूर
9. दक्षिणा स्वेच्छानुसार
___श्री प्रज्ञा सेवा केंद्र एवं गायत्री प्रज्ञा मंडल अमरावती घाट के तत्वावधान में __
सम्पर्क् मार्गदर्शन :- श्री श्रावण जी चरपे
,श्री चंद्रभान जी वाडबुदे , श्री दयाराम जी सातपुते , श्री प्रकाश जी (बारमाशे टेलर् )
,श्री मोरेश्वर जी सातपुते,अमरावती घाट का
मंगलवार, 17 सितंबर 2024
काली हल्दी के चमत्कारी उपाय
धन के लिए हल्दी का उपयोग कैसे करें?
हल्दी के इस उपाय से व्यापार में होगी उन्नति
अगर व्यापार में उन्नति नहीं हो रही है लगातार घाटा हो रहा है तो काली हल्दी और केसर में पानी मिलाकर अच्छे से घोल तैयार कर लें। इसके बाद तिजोरी पर स्वास्तिक बनाएं और इसकी नियमित रूप से पूजा करें। ऐसा करने से सभी समस्याएं दूर होंगी और बिजनेस में उन्नति होगी।
शुक्रवार, 13 सितंबर 2024
पार्ट टाइम वर्क के लिये लड़के लड़कियों कि जरूरत है !
पितृ पक्ष विशेष तिथिया 2024 समाचार
पितृ पक्ष 2024 की महत्वपूर्ण तिथियां:
पितृ पक्ष 18 सितंबर को शुरू होगा
और 2 अक्टूबर को समाप्त होगा। यहां 2024 में श्राद्ध की प्रमुख तिथियां हैं:
प्रतिपदा श्राद्ध: 18 सितंबर। पंचमी श्राद्ध: 22 सितंबर।
- - क्या बेटिया श्राद्ध कर सकती है ? --
यदि पत्नी भी साथ न हो तो उसका भाई श्राद्ध कर सकता है। यदि कोई भी उपस्थित न हो तो सपिण्ड भी श्राद्ध कर सकते हैं। दामाद और पुत्री भी श्राद्ध कर सकते हैं , किन्तु यदि कोई भी न हो तो राजा को चाहिए कि मृतक के धन से ही उसका श्राद्ध करें, क्योंकि उसे सबका बान्धव कहा गया है।
गणेशजी मूर्ति विसर्जन पितृपक्ष के पहले 17सि.2024 कों कर देवे
सूर्या
स्त के पहले तक करें विसर्जन
पंडित शुक्ला ने कहा कि “ हवन करने के बाद पूरे दिन भर गणेश जी का विसर्जन सूर्यास्त के पहले तक किसी भी समय किया जा सकता है। इस सम्बन्ध में विद्वानो व ज्योतिषाचार्यो का कथन है कि “भद्रा और पंचक ही केवल विघ्न नहीं हैं। व्यतिपात, कक्रजादि योग, मासदग्ध तिथियाँ, मासशून्य तिथियाँ, ग्रहण आदि अनेक चीजें हैं वो सब भी विघ्न ही हैं।”
लेकिन भगवान गणेश तो विघ्नहर्ता स्वयं हैं इसलिए उन्हें अपने किसी कार्य के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं है। न स्थापना के समय न विसर्जन के समय। विसर्जन के लिए अलग से मुहूर्त देखने की अनिवार्यता नही होती है!
SCN NEWS के रिपोर्ट अनुसार
गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन पुराणों और अन्य धार्मिक ग्रंथों में दिये गये निर्देशों के अनुसार किया जाना चाहिये। पितृपक्ष में गणपति की प्रतिमा का विसर्जन नहीं होता। अनंत चतुर्दशी के दिन जब हवन-पूजन हो जाता है तो उसके ठीक बाद प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाना चाहिये। बाद में विसर्जन से अनिष्ट की आशंका होती है। विसर्जन जुलूस में भी सादगी और गरिमा होनी चाहिये ताकि यह पता चल सके कि हम अपने अराध्य को विसर्जन के लिये ले जा रहे हैं।
ये विचार आज कलेक्ट्रेट में आयोजित पत्रकार वार्ता में संतों ने व्यक्त किये। ज्ञात हो कि संत जनों और जिला प्रशासन ने गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन शास्त्र सम्मत विधि अनुसार एक ही दिन यानी अनंत चतुर्दशी पर ही करने की मुहिम शुरू की है। इसी मुहिम के अंतर्गत आज बुधवार को कलेक्टर दीपक सक्सेना की पहल पर कलेक्ट्रेट में सभी संतजनों की पत्रकारवार्ता आयोजित की गई।
पत्रकार वार्ता में महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद जी महाराज, स्वामी नरसिंहदास जी, स्वामी चैतन्यानंद जी, पंडित वासुदेव जी शास्त्री, स्वामी अशोका नंद, पंडित रोहित दुबे, स्वामी राजारामाचार्य जी, श्री मुन्ना पांडे एवं सर्वधर्म समन्वयक श्री शरद काबरा मौजूद थे। पत्रकार वार्ता में कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना एवं अपर कलेक्टर श्री नाथूराम गौंड भी उपस्थित थे। पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुये महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरी जी ने कहा कि गणेश विसर्जन का विधान अनंत चतुर्दशी के दिन ही है। अनंत चतुर्दशी पर ही विसर्जन करना शास्त्र सम्मत माना गया है, इससे सुख समृद्धि आती है। इसके बाद किसी और दिन विसर्जन करने से अनिष्ट की आशंका होती है। उन्होंने आम जनता और गणेश उत्सव समितियों से भी आग्रह है की वे एक ही दिन प्रतिमाओं का विसर्जन करें।
अध्यक्ष नगर पंडित सभा आचार्य पं. वासुदेव शास्त्री ने कहा कि 17 सितम्बर को अनंत चतुर्दशी है और इसी दिन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन होना चाहिए। उन्होंने बताया कि निर्णय सिंधु ग्रंथ में इस बात का उल्लेख है कि अनंत चतुर्दशी के दिन ही विसर्जन का प्रावधान है। भक्तिधाम ग्वारीघाट के स्वामी अशोकानंद ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि जो विधान है सभी को उसी के अनुसार कार्य किये जाने चाहिए।
ज्योतिष तीर्थ पं. रोहित दुबे ने कहा कि शास्त्रों के मुताबिक गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन दसवें दिन ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हवन के बाद प्रतिमा रखने का कोई औचित्य नहीं है। पितृपक्ष में विसर्जन परिवार एवं समाज के लिये हानिकारक माना जाता है। विश्व हिंदू परिषद के श्री मुन्ना पांडे ने कहा कि जब प्रतिमाओं की स्थापना एक ही दिन की जाती है तो फिर उनक विसर्जन् अलग-अलग दिन समाजहित में नहीं है।
ब्रहम्चारी स्वामी चैतन्यानन्द ने कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा शास्त्र सम्मत विधि से गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के की गई पहल को सार्थक बताते हुये कहा कि दसवें दिन ही विसर्जन होना चाहिए। डॉ स्वामी नरसिंहदास ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि नियमों से पूजन और विसर्जन करने पर ही हमारी पूजा सफल होगी और देवता प्रसन्न होंगे।
पत्रकार वार्ता में सभी संतों से जब पूछा गया कि गणेश प्रतिमाओं के लिए जब यह विधान है तो देवी प्रतिमाओं का विसर्जन आखिर शरद पूर्णिमा तक क्यों होता है। इस पर सभी संतों ने एक स्वर में कहा कि यही नियम देवी प्रतिमाओं के लिये भी है। जैसे ही प्रतिमाओं के समक्ष अंतिम दिन हवन किया जाता है उसके बाद विसर्जन का प्रावधान है। दशहरा पर जुलूस के बाद देवी प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया जाना चाहिए।
बुधवार, 7 अगस्त 2024
असली नकली की पहचान कैसे करें आओ जानें
👉🏻1. जीरा (Cumin seeds)
✨जीरे की परख करने के लिए थोड़ा सा जीरा हाथ में लीजिए और दोनों हथेलियों के बीच रगड़िए।
✨अगर हथेली में रंग छूटे तो समझ जाइए कि जीरा मिलावटी है क्योंकि जीरा रंग नही छोड़ता।
👉🏻2. हींग (Hing)
✨हींग की गुणवत्ता जांचने के लिए उसे पानी में घोलिए।
✨अगर घोल दूधिया रंग का हो जाए तो समझिए कि हींग असली है।
✨ दूसरा तरीका है हींग का एक टुकड़ा जीभ पर रखें अगर हींग असली होगी तो कड़वापन या चरपराहट का अहसास होगा।
👉🏻3. लाल मिर्च पाउडर (Red chilli powder)
✨लाल मिर्च पाउडर में सबसे ज्यादा मिलावट की जाती है।
✨ इसकी जांच करने के लिए पाउडर को पानी में डालिए, अगर रंग पानी में घुले और बुरादा जैसा तैरने लगे तो मान लीजिए की मिर्च पाउडर नकली है।
👉🏻4. सौंफ और धनिया (Fennel & Coriander)
✨इन दिनों मार्केट में ऐसी सौंफ और धनिया मिलता है जिस पर हरे रंग की पॉलिश होती है ये नकली पदार्थ होते हैं,
✨इसकी जांच करने के लिए धनिए में आयोडीन मिलाएं,
✨अगर रंग काला हो जाए तो समझ जाइए कि धनिया नकली है।
👉🏻5. काली मिर्च (Black pepper)
✨काली मिर्च पपीते के बीज जैसी ही दिखती है इसलिए कई बार मिलावटी काली मिर्च में पपीते के बीज भी होते हैं।
✨इसको परखने के लिए एक गिलास पानी में काली मिर्च के दानें डालें।
✨ अगर दानें तैरते हैं तो मतलब वो दानें पपीते के हैं और काली मिर्च असली नहीं है।
👉🏻6. शहद (Honey)
✨शहद में भी खूब मिलावट होती है।
✨शहद में चीनी मिला दी जाती है, इसकी गुणवत्ता जांचने के लिए शहद की बूंदों को गिलास में डालें,
✨ अगर शहद तली पर बैठ रहा है तो इसका मतलब वो असली है नहीं तो नकली है।
👉🏻7. देसी घी (Ghee)
✨घी में मिलावट की जांच करने के लिए दो चम्मच हाइट्रोक्लोरिक एसिड और दो चम्मच चीनी लें और उसमें एक चम्मच घी मिलाएं।
✨अगर मिश्रण लाल रंग का हो जाता है तो समझ जाइए कि घी में मिलावट है।
👉🏻8. दूध (Milk)
✨दूध में पानी, मिल्क पाउडर, कैमिकल की मिलावट की जाती है।
✨ जांच करने के लिए दूध में उंगली डालकर बाहर निकाल लीजिए।
✨अगर उंगली में दूध चिपकता है तो समझ जाइए दूध शुद्ध है। अगर दूध न चिपके तो मतलब दूध में मिलावट है।
👉🏻9. चाय की पत्ती (Tea)
✨चाय की जांच करने के लिए सफेद कागज को हल्का भिगोकर उस पर चाय के दाने बिखेर दीजिए।
✨ अगर कागज में रंग लग जाए तो समझ जाइए चाय नकली है क्योंकि असली चाय की पत्ती बिना गरम पानी के रंग नहीं छोड़ती।
👉🏻10. कॉफी (Coffee)
✨कॉफी की शुद्धता जांचने के लिए उसे पानी में घोलिए।
✨शुद्ध कॉफी पानी में घुल जाती है, लेकिन अगर घुलने के बाद कॉफी तली में चिपक जाए तो वो नकली है।
जानकारी अच्छी लगी हे तो page को follow जरूर करे।
#Ayurveda
अपनी बच्चियों का ध्यान रखें , सोलापुर में एक धनवान के घर में *लव जिहाद* की कहानी।
अपनी बच्चियों का ध्यान रखें , सोलापुर में एक धनवान के घर में *लव जिहाद* की कहानी।
पिता बिजनेसमैन, भाई चार्टर्ड अकाउंटेंट, धन सम्पत्ति का भंडार । घर में केवल एक लड़की, लाड़-प्यार। लड़की को शादी के लिए बड़े बड़े घरों से रिश्ते आए , लेकिन वह सारे ठुकरा रही थी। इसके पीछे की वजहें चौंकाने वाली थीं। उस लड़की को एक मुस्लिम से प्यार हो गया। उसकी उम्र 21 साल है और उसकी उम्र 23 साल है । वह उसके चचेरे भाई की फैक्ट्री में प्लम्बर था । 1-2 बार घर आये.. मिले.. प्यार हो गया। वह उसे मस्जिद ले गया । पूरा दिन कॉलेज के नाम पर एक साथ ! भाई, पिता पैसा कमाने में व्यस्त। व्यवहार और बोलचाल से मां को शक हो गया। वह उसके मामा को अपने साथ ले गई और कॉलेज के पास रंगे हाथ पकड़ लिया। घर में 3 दिन तक लड़ाई। जब लड़के को धमकाया तो सच्चाई सामने आ गई। वह 6 महीने तक निगरानी में थे। एक धार्मिक संस्था ने उन्हें 25000 रुपये, कार, मोबाइल, अंगूठी, कमरा मुहैया कराया था। यह पैसा उसके पास ऑनलाइन आया था। जांच जारी है, क्योंकि जब पूछा गया, *"हम एक मिशन पर हैं, वे हमें काफिर लड़कियों के लिए भुगतान करते हैं, हम मजहब का काम कर रहे हैं।"*
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