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मंगलवार, 8 मार्च 2022

होली के त्योहार की वैज्ञानिकता

होली का त्यौहार सारणी १. होली का त्यौहार २. होली की रचना का सूक्ष्म-चित्र ३. भावपूर्ण रीतिसे होलिका पूजन करनेसे सूक्ष्म स्तरपर क्या परिणाम होता है ? ४. पूजाविधिके उपरांत होली प्रज्वलित करनेसे होनेवाले परिणाम १. होली का त्यौहार देश-विदेशमें मनाया जानेवाला होलीका त्यौहार रंगोंके साथ उत्साह तथा आनंद लेकर आता है । इसे विभिन्न प्रकारसे ही सही; परंतु बडी धूमधामसे मनाया जाता है । सबका उद्देश्य एक ही होता है, कि आपसी मनमुटावोंको त्यागकर मेलजोल बढे ! २. होली की रचना का सूक्ष्म-चित्र holi २ अ. होली की रचना करते समय वहां उपस्थित व्यक्तियोंद्वारा की गई भावपूर्ण प्रार्थना एवं नामजप के कारण होली में प्रार्थना एवं नामजप का वलय निर्माण होता है । २ आ. होली की रचना भावपूर्ण रीतिसे करने के कारण होली में भाव का वलय निर्माण होता है । २ इ. भावपूर्ण रीतिसे प्रार्थना एवं नामजप करते हुए, ईश्वरीय सेवा समझकर होली की रचना करनेसे प्रार्थना एवं नामजप (कणोंके रूप में) ईश्वर तक पहुंचते है । २ ई. ईश्वरीय चैतन्य का प्रवाह होली में आकृष्ट होता है । २ उ. होली की रचना में निर्माण हुई सात्त्विकता के कारण उस में शक्ति का कार्यरत वलय निर्माण होता है । २ ऊ. इस कार्यरत शक्ति का प्रवाह होली के मध्य में खडे किए गए गन्ने की ऊपरी नोंक तक प्रवाहित होता है और वहां पर इस शक्ति एवं चैतन्य के कार्यरत वलय निर्मित होते हैं । २ ए. होली की रचना में चैतन्य का वलय कार्यरत होता है एवं उस वलय से चैतन्य के कण वातावरण में प्रक्षेपित होते है । २ ऐ. होली से प्रक्षेपित शक्ति एवं चैतन्य के कारण वातावरण में विद्यमान अनिष्ट शक्तियोंको कष्ट होता है और वे होली के मध्य में खडे गन्ने के पत्तोंपर आक्रमण करती हैं । इस आक्रमण के कारण पत्तोंसे काली शक्ति का प्रसारण होता है एवं कष्टदायक स्पंदनोंका प्रक्षेपण होता है । पूजा आरंभ करनेसे अनिष्ट शक्तियां धीरे-धीरे दूर जाने लगती हैं तथा होलीमें अग्नि प्रज्वलित होनेक उपरांत अनिष्ट शक्तियां अस्वस्थ होकर तीव्र गतिसे दूर चली जाती हैं ।

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