शिवलिंग में अत्यंत ऊर्जा होती है जो जलहरी में प्रवाहित होती है। इसलिए जलहरी को लांगने से शारीरिक रोग हो सकते हैं। लेकिन किसी विशेष परिस्थिति में यदि जलहरी ढकी हुई होती है तो इसे लांघकर पूरी परिक्रमा भी की जा सकती है। इस स्थिति में पूर्ण परिक्रमा करने से दोष नहीं लगता है।
उपर्युक्त सभी बातों को ध्यान में रखकर शिवलिंग की परिक्रमा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए शिवलिंग की पूजा के समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें।
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