* गुरु पूर्णिमा पर वैज्ञानिको की लेखनी *
यह पर्व प्रमुख रूप से हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है हालाँकि जैन-बुद्ध धर्मों में भी इसे काफ़ी उत्साह के साथ मनाया जाता है | इस दिन गुरुओं को विशेष रूप से याद किया जाता है, उनकी पूजा अर्चना की जाती है और गुरु दक्षिणा के रूप में जीवन पथ पर सतत सफलताओं के लिए आशिर्वाद लिया जाता है |
पूजा पद्धति के रूप में इस दिन गुरुओं को फूल-माला अर्पित कर गरीबों, दीन-दुखियों, पशु-पक्षियों व जीवों को अन्न आदि देकर उनका कल्याण किया जाता है |
उधर सनातन संस्कृति की जो विशेषताएं होती हैं उनके अनुसार हरेक पर्व के कुछ न कुछ वैदिक-वैज्ञानिक महत्व भी होते हैं वो इस पर्व में भी हैं |
वैज्ञानिक महत्व की ओर दृष्टि डालें तो पता चलता है कि हिंदू पंचांग के आषाढ़ मास की पाक्षिक अवधि के बाद इस दिन चंद्रमा पूरा दिखता है जिसे विज्ञान में ‘हे मून’, ‘मीड मून’, ‘थंडर मून’, ‘बक मून के साथ ही साथ “गुरु पूर्णिमा” कहा जाता है |
इसके वैज्ञानिक व वैदिक महत्व से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA भी प्रभावित व आकर्षित हुई थी और साल 2017 के गुरु पूर्णिमा पर्व पर 6 जुलाई को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसका उल्लेख किया था | कई भारतीयों नें अमरीकी NASA को पहचान देने के लिए आभार भी प्रकट किया था |
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