GURU KI YAAD ME Vraksharopan
शमी का पेड़ गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष पर आयुष हेल्थ वेलनेस सेण्टर पर आध्यात्मिक गुरु आचार्य पं.श्रीराम शर्मा की याद में साईखेड़ा थाना में लगाया -१३ जुलाई २०२२
योगाचार्य पं.सुनील नाडेकर
GURU KI YAAD ME Vraksharopan
शमी का पेड़ गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष पर आयुष हेल्थ वेलनेस सेण्टर पर आध्यात्मिक गुरु आचार्य पं.श्रीराम शर्मा की याद में साईखेड़ा थाना में लगाया -१३ जुलाई २०२२
योगाचार्य पं.सुनील नाडेकर
* गुरु पूर्णिमा पर वैज्ञानिको की लेखनी *
यह पर्व प्रमुख रूप से हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है हालाँकि जैन-बुद्ध धर्मों में भी इसे काफ़ी उत्साह के साथ मनाया जाता है | इस दिन गुरुओं को विशेष रूप से याद किया जाता है, उनकी पूजा अर्चना की जाती है और गुरु दक्षिणा के रूप में जीवन पथ पर सतत सफलताओं के लिए आशिर्वाद लिया जाता है |
पूजा पद्धति के रूप में इस दिन गुरुओं को फूल-माला अर्पित कर गरीबों, दीन-दुखियों, पशु-पक्षियों व जीवों को अन्न आदि देकर उनका कल्याण किया जाता है |
उधर सनातन संस्कृति की जो विशेषताएं होती हैं उनके अनुसार हरेक पर्व के कुछ न कुछ वैदिक-वैज्ञानिक महत्व भी होते हैं वो इस पर्व में भी हैं |
वैज्ञानिक महत्व की ओर दृष्टि डालें तो पता चलता है कि हिंदू पंचांग के आषाढ़ मास की पाक्षिक अवधि के बाद इस दिन चंद्रमा पूरा दिखता है जिसे विज्ञान में ‘हे मून’, ‘मीड मून’, ‘थंडर मून’, ‘बक मून के साथ ही साथ “गुरु पूर्णिमा” कहा जाता है |
इसके वैज्ञानिक व वैदिक महत्व से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA भी प्रभावित व आकर्षित हुई थी और साल 2017 के गुरु पूर्णिमा पर्व पर 6 जुलाई को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसका उल्लेख किया था | कई भारतीयों नें अमरीकी NASA को पहचान देने के लिए आभार भी प्रकट किया था |
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महर्षि वेदव्यास जी अमर हैं। महान विभूति वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को लगभग 3000 ई. पूर्व में हुआ था। महर्षि व्यास का पूरा नाम कृष्णद्वैपायन है। उन्होंने वेदों का विभाग किया, इसलिए उनको व्यास या वेदव्यास कहा जाता है। उनके पिता महर्षि पराशर तथा माता सत्यवती है।
भारत भर में गुरुपूर्णिमा के दिन गुरुदेव की पूजा के साथ महर्षि व्यास की पूजा भी की जाती है। महर्षि वेदव्यास भगवान विष्णु के कालावतार माने गए हैं। द्वापर युग के अंतिम भाग में व्यासजी प्रकट हुए थे। उन्होंने अपनी सर्वज्ञ दृष्टि से समझ लिया कि कलियुग में मनुष्यों की शारीरिक शक्ति और बुद्धि शक्ति बहुत घट जाएगी। इसलिए कलियुग के मनुष्यों को सभी वेदों का अध्ययन करना और उनको समझ लेना संभव नहीं रहेगा।
व्यासजी ने यह जानकर वेदों के चार विभाग कर दिए। जो लोग वेदों को पढ़, समझ नहीं सकते, उनके लिए महाभारत की रचना की। महाभारत में वेदों का सभी ज्ञान आ गया है। धर्मशास्त्र, नीतिशास्त्र, उपासना और ज्ञान-विज्ञान की सभी बातें महाभारत में बड़े सरल ढंग से समझाई गई हैं।
इसके अतिरिक्त पुराणों की अधिकांश कथाओं द्वारा हमारे देश, समाज तथा धर्म का पूरा इतिहास महाभारत में आया है। महाभारत की कथाएं बड़ी रोचक और उपदेशप्रद हैं। सब प्रकार की रुचि रखने वाले लोग भगवान की उपासना में लगें और इस प्रकार सभी मनुष्यों का कल्याण हो। इसी भाव से व्यासजी ने अठारह पुराणों की रचना की।
इन पुराणों में भगवान के सुंदर चरित्र व्यक्त किए गए हैं। भगवान के भक्त, धर्मात्मा लोगों की कथाएं पुराणों में सम्मिलित हैं। इसके साथ-साथ व्रत-उपवास को की विधि, तीर्थों का माहात्म्य आदि लाभदायक उपदेशों से पुराण परिपूर्ण है।
वेदांत दर्शन के रचना करने वाले महर्षि वेदव्यास ने वेदांत दर्शन को छोटे-छोटे सूत्रों में लिखा गया है, लेकिन गंभीर सूत्रों के कारण ही उनका अर्थ समझने के लिए बड़े-बड़े ग्रंथ लिखे हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार ही गुरुपूर्णिमा पर गुरुदेव की पूजा के साथ ही महर्षि व्यास की पूजा भी की जाती है। हिन्दू धर्म के सभी भागों को व्यासजी ने पुराणों में भली-भांति समझाया है। महर्षि व्यास सभी हिन्दुओं के परम पुरुष हैं।
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मुंह के छाले कारण और उसके घरेलू उपचार व योगिक क्रिया सलाह
मुंह के छाले कारण और उसके घरेलू उपचार
मुंह के छाले(Mouth Ulcers) के विषय में ऐसा शायद ही कोई हो जिसको पता ना हो। यह एक ऐसी समस्या है जिससे बहुत सारे लोग परेशान रहते हैं। मुंह में छाले होना एक आम बात है परंतु जिस व्यक्ति को बार बार मुंह में छाले होते हैं उन्हें चाहिए कि वह पूरी तरीके से डॉक्टर से संपर्क करें और उसके कारण को जानें क्योंकि बार-बार ऐसा होना नुक़सानदेह भी हो सकता है।
मुंह में छाले लाल और सफेद दोनों रंग के होते हैं। यह होठों, मसूड़ों, जीभ और मुंह के अंदरूनी हिस्से में होते हैं परंतु कई बार ऐसा होता है कि यह खाने की नली तक पहुंच जाते हैं और खाना खाते समय बहुत ज्यादा तकलीफ का सामना करना पड़ जाता है।
मुंह के छाले बहुत दर्द करते हैं और इसके साथ साथ उनमें जलन भी होती है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति कोई भी चीज आसानी से खा नहीं सकता चाहे वह मीठा हो या तीखा।
मुंह के छाले कई बार अपने आप ठीक भी हो जाते हैं और कई बार हमें दवाइयां भी लेनी पड़ जाती हैं। होम्योपैथिक और एलोपैथिक दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं। इसके साथ-साथ इसे ठीक करने के लिए बहुत से घरेलू नुस्खे भी हैं।
मुंह के छाले मुंह की ही लार से ठीक हो जाते हैं लेकिन ऐसा होने में चार-पांच दिन लग सकते हैं। बहुत से घरेलू नुस्खे मुंह के छालों के इलाज के लिए काफी ज्यादा कारगर साबित होते हैं इसलिए दवाओं से बेहतर यही है कि घरेलू नुस्खों को अपनाकर मुंह के छालों से राहत पाया जाए। आज हम चर्चा करेंगे कि घरेलू उपचार से मुंह के छालों को कैसे ठीक किया जा सकता है।
मुंह के छाले होने के कारण
मुंह में छाले होने के कई कारण बताए जाते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि खाते समय या बात करते समय हमारी जुबान या होंट दांतो के बीच में आकर दब जाते हैं जिसके कारण मुंह में छाले(Mouth Ulcers) बन जाते हैं। कई बार ऐसा होता है कि शरीर के अंदरूनी भाग के नकारात्मक प्रभाव के कारण मुंह में छाले होना शुरू हो जाते हैं। तो आइए जानते हैं मुंह में छाले होने के कुछ कारण(Causes of Mouth Ulcers):
1.) पेट की गर्मी के कारण
पेट में गर्मी के कारण मुंह में छाले होना आम बात है। जब हमारे पेट में कोई समस्या होती है या उसमें कुछ गड़बड़ी होती है तो हमारे मुंह में छाले हो जाते हैं। हमेशा अपने पेट को सही रखना चाहिए क्योंकि बहुत सारी बीमारियां पेट ना सही होने के कारण ही उत्पन्न होती हैं। यदि हमारा पेट सही से काम करेगा तो हम बीमारियों से कोसों दूर रहेंगे। पेट की गड़बड़ी से हमें बहुत सारी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
2.) तनाव के कारण(Stress)
कई बार ऐसा होता है कि तनाव के कारण भी मुंह में छाले होना शुरू हो जाते हैं और तनाव के खत्म होते ही मुंह के छाले खुद-ब-खुद खत्म हो जाते हैं। इसीलिए तनाव से दूर रहें और अपने मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालें ताकि आप किसी भी चिंता और तनाव से बचे रहें। चिंता और तनाव जैसी मानसिक बीमारियां बहुत खतरनाक होती हैं।
3.) हारमोंस के उतार-चढ़ाव के कारण(Hormonal Imbalance)
शरीर में बहुत से हार्मोन पाए जाते हैं और हर हार्मोन अपना अपना काम नियमित तौर पर करता है। यदि किसी भी कारण से शरीर के हारमोंस में कुछ गड़बड़ी होती है या कोई उतार-चढ़ाव होता है तो इस कारण से व्यक्ति के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस कारण भी मुंह में छाले होना शुरू हो जाते हैं।
4.) मानसिक धर्म की गड़बड़ी के कारण
अगर किसी भी स्त्री को मासिक धर्म नहीं आ रहा या मासिक धर्म आने में कोई परेशानी हो रही है तो इस कारण भी मुंह में छाले होना शुरू हो जाते हैं।
5.) बदहजमी(Indigestion)
मुंह में छाले होने का एक बहुत बड़ा कारण बदहजमी होती है। यदि किसी को बदहजमी है तो मुंह में छाले होना आम बात है।
6.) मसालेदार खाने के कारण
जो लोग अपने खानपान में बहुत ज्यादा मसालों का सेवन करते हैं उनको खासतौर से मुंह में छालों की समस्या रहती है। मसालों की गर्मी से पेट में गर्मी पैदा हो जाती है और उसके कारण मुंह में छाले होना शुरू हो जाते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि मसालों के कारण मुंह और जबान में जलन पैदा हो जाती है। जिससे मुंह में छाले हो जाते हैं। यह मसाले गर्म होने के कारण बहुत ज्यादा जलन पैदा करते हैं। इसके साथ-साथ मुंह के छालों में काफी दर्द भी होता है। इसलिए मुंह के छालों से छुटकारा पाने के लिए ज्यादा मसालों का सेवन ना करें।
7.) विटामिन्स की कमी के कारण
विटामिन B और विटामिन C की कमी के कारण मुंह में छाले हो जाते हैं। इसलिए विटामिन B और विटामिन C की कमी को पूरा करने के लिए उन चीजों का सेवन करें जिसमें विटामिन बी और सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
8.) दातों की सफाई का खास खयाल ना रखने के कारण
दातों और मुंह की सफाई का सही तरीके से ख्याल ना रखने के कारण भी मुंह में छाले होना शुरू हो जाते हैं। दांतो और मुंह की सफाई का खास खयाल रखें क्योंकि बीमारियां मुंह और पेट की गड़बड़ी से ही उत्पन्न होती हैं।
मुंह के छालों के उपचार के लिए कुछ घरेलू नुस्खे
1.) हल्दी का इस्तेमाल
यदि किसी के मुंह में छाले हो और उसे खाने पीने में दिक्कत आ रही हो तो ऐसे व्यक्ति को चाहिए कि वह हल्दी के हल्के गर्म पानी से कुल्ला करें। ऐसा दिन में दो बार करें। यदि वह इसे 2 दिन तक लगातार करता है तो उसके मुंह के छाले बहुत हद तक कम हो जाएंगे और उसे खाने पीने की दिक्कत नहीं होगी। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो किसी भी जख्म को सही करने में बहुत ज्यादा लाभदायक होते हैं।
2.) शहद का सेवन
मुंह के छालों को ठीक करने के लिए शहद बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। शहद के अंदर एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है। शहद को मुंह के छालों पर या जहां जहां छाले हैं वहां पर लगाएं। इसका प्रयोग दिन में तीन बार जरूर करें। ऐसा करने से नतीजा आपके सामने खुद आ जाएगा और आपको बहुत आराम मिलेगा।
3.) केले का सेवन
जिस भी व्यक्ति के मुंह में छाले हैं उसे चाहिए कि वह हर रोज सुबह उठकर एक केला खाए। ऐसा करने से उसके मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे। कई बार छाले होने का मुख्य कारण पेट का साफ़ न होना या कब्ज़ होना होता है।
केले में फ़ाइबर नामक तत्व की उचित मात्रा पाई जाती है। केले का सेवन करने से क़ब्ज़ की समस्या दूर होती है जो भविष्य में छाले न होने की संभावना को बढ़ाती है।
4.) नारियल का तेल
नारियल का तेल मुंह के छालों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। नारियल के तेल को मुंह के छालों की जगह लगाएं। इसके अंदर एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिससे मुंह के छाले जल्दी सही हो जाते हैं और दर्द भी दूर हो जाता है। इसके साथ-साथ मुंह के छाले में जो जलन होती है वह भी खत्म हो जाती है।
5.) नारियल का पानी
मुंह के छालों के लिए नारियल के पानी का सेवन एक रामबाण इलाज है। मुंह के छालों से मुक्ति पाने के लिए नारियल के पानी का सेवन जरूर करें। इससे छाले ठीक होने के साथ-साथ मुंह के छालों में जलन भी कम हो जाएगी। इस इलाज के बाद आप कोई भी चीज आसानी से खा सकते हैं।
6.) सेब का सिरका
मुंह के छालों के लिए सेब के सिरके को आधा गिलास पानी में मिलाकर दिन में दो बार गलाला करने से मुंह के छालों से राहत मिल जाती है।
7.) टमाटर का सेवन
जो भी व्यक्ति मुंह के छाले से पीड़ित है उसे चाहिए कि वह टमाटर का सेवन ज्यादा करे। टमाटर के रस को एक गिलास में रखकर उसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के छालों से मुक्ति मिल सकती है।
*योगिक उपचार*
स्वामी रामदेव के अनुसार मुंह के छालों से निजात पाने के लिए शीतली और शीतकारी प्राणाायम करें। इससे लाभ मिलेगा।