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सोमवार, 31 मई 2021

योग प्रदर्शन

 

I
Yoga demonstration सिखाने के
 +91-9685126801

सुविचार सद्प्रवृत्ति


 

यज्ञ से मानसोपचार

 


आज का समय तनाव उद्वेग का है लोगो  को उचित मार्गदर्शन ना मिलने, कोई परेशानी आने पर आदमी हताश होता है और अपना मानसिक संतुलन खो देता है यज्ञ द्वारा उचित सामग्री उपयोग करके इसका निदान संभव है !


यज्ञ परामर्श :पं.सुनील नाडेकर 
(यज्ञ, योग, स्वावलम्बन )
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गुरुवार, 27 मई 2021

गायत्री धाम


 

प्रज्ञा युग


 

Pragya geet


 

प्रज्ञा पेय


 

युग ऋषि की योजनाए

 युग निर्माण मिशन 

विचार क्रांति अभियान 

प्रज्ञा अभियान 

नारी जागरण   

कुरीति उन्मूलन 

व्यसन मुक्ति आंदोलन 

Vichar kranti abhiyan


 

Yagya abhiyan


 

प्रज्ञा अभियान


प्रज्ञा 
 

मंगलवार, 25 मई 2021

हल्दी के चमत्कारी प्रयोग.


 

धर्म और विज्ञान मे क्या अंतर है?


 

प्राणिक हीलिंग थैरपी



आयुर्वेद का विज्ञान


 आयुर्वेद एक सुरक्षित चिकित्सा  

यज्ञ एक चिकित्सा है


 

मानसिकता का स्वास्थ्यय प्रयोग

 

उच्च मानसिकता और निम्न मानसिकता का हमारे स्वास्थ्यय के  साथ बहुत कनेक्शन जुड़ा रहता है 
वैज्ञानिक पहलु पर बात की जाय तो जो आदमी जैसा सोचता है वैसा ही करता और बन जाता है !

रविवार, 23 मई 2021

शहद के साथ लहसुन अदभुत गुणकारी है

 

शहद के साथ लहसुन अदभुत गुणकारी है

       शहद में बहुत से मिनरल, विटामिन और एंटिओक्सीडेंट होते है। जो हमारे शरीर के लिये उपयोगी होते है। शहद में शरीर के अतीरिक्त फैट को कम करने का गुण होता है। शहद और लहसुन दोनों मोटापा कम करने में उपयोगी है। 

        आप शायद ये नहीं जानते होगें कि दोनो को एक साथ उपयोग किया जाये तो यह एक अचूक औषधि बन जाती है। लहसुन और शहद दोनो ही हमारे शरीर के लिये एक रामवाण दवा हैं।

लहसुन की 2 से 3 कली को किसकर या कुचल कर एक छोटा चम्मच शहद में मिला कर खाली पेट खानें से मोटापा काफी तेजी से कम होता है। 

        एक कप गुनगुने पानी में 10 बुंद लहसुन का रस और एक चम्मच शहद मिला लीजिए। इसे सुबह खाली पेट पीने से दमा के कारण सांस की बिमारी नहीं होती है। दमा का दोरा पड़ रहे व्यक्ति को ये बनाकर तुंरत पिला दिया जाये तो मानो नई जिंदगी मिल जायेगी।

      इन दोनों का मिश्रण सुबह खाली पेट लेने से खांसी सर्दी, फंगल इन्फेक्शन को जड से खत्म कर देता है। वजन नहीं बढने देता। हमारे शरीर में यदि कोई घाव भरने मे टाईम ले रहा हो तो उस इन्फेक्शन को भी खत्म करता हैं।

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार: सूर्य नमस्कार Sun adoration सूर्य चिकित्सा : सूर्य चिकित्सा में प्रयोग किए जाने वाले कुछ पदार्थ सूर्य की सभी रंगों की किरणों का प्रभाव सूर्य चिकित्सा के बारे में कुछ जानकारी सूर्य चिकित्सा द्वारा उपचार वृद्धावस्था प्राकृतिक चिकित्सा के कुछ महत्वपूर्ण ऑर्टिकल्स : वाष्प स्नान साधारण पूर्ण स्नान शांतिदायक स्नान अफ्यूश्ज़न स्नान ब्रैंड स्नान चादर स्नान सौना बाथ झंप स्नान स्पंज बाथ

धवल रोग या सफेद कोढ़

धवल रोग या सफेद कोढ़: धवल रोग या सफेद कोढ़ (Leucoderma) बच्चों के अन्य रोगों का उपचार : बच्चों का कान रोग बच्चों के होंठों पर दुष्ट वर्ण बच्चों के कब्ज रोग बच्चों के मुंह में घाव होना बच्चों की आंतों की जलन बच्चों के सांस रोग बच्चों की घुण्डी खांसी बच्चों की हूप खांसी बच्चों की छाती फूलना बच्चों की सर्दी-खांसी होना बच्चों के सर्दी-गर्मी के j बच्चों के त्वचा रोग बच्चों की उल्टी बच्चों को दर्द होना

धवल रोग या सफेद कोढ़

धवल रोग या सफेद कोढ़: धवल रोग या सफेद कोढ़ (Leucoderma) बच्चों के अन्य रोगों का उपचार : बच्चों का कान रोग बच्चों के होंठों पर दुष्ट वर्ण बच्चों के कब्ज रोग बच्चों के मुंह में घाव होना बच्चों की आंतों की जलन बच्चों के सांस रोग बच्चों की घुण्डी खांसी बच्चों की हूप खांसी बच्चों की छाती फूलना बच्चों की सर्दी-खांसी होना बच्चों के सर्दी-गर्मी के रोग बच्चों के त्वचा रोग बच्चों की उल्टी बच्चों को दर्द होना

बुखार की औषधि



 

Yog for corona



 कोरोना 

योग सिखने के लिए संपर्क करें ऑनलाइन योगा क्लास चलाई जा रही है पिछले 2वर्ष से दुबई के  भारतीयों को सीखा रहे है, केंद्रीय विद्यालय मे भी योग शिक्षक रहे है पढ़ाई हरिद्वार से !
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शनिवार, 22 मई 2021

इम्युनिटी और अन्य बीमारियों मे आजमाए

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रोगनिवारण मे सूर्यनमस्कार के प्रभाव

आदिवासी आश्रम शाळा मनखेड़ जि नाशिक मे अखिल विश्व गायत्री परिवार ट्रस्ट नाशिक द्वारा आयोजित,  स्थळ आश्रमशाला  मे सूर्यनमस्कार का  आयोजन किया गया था जिसमे आश्रमशाला के प्रधान अध्यापक आदरणीय मणियार सर एवं सम्पूर्ण स्टॉफ शिक्षकों द्वारा योग किया गया स्वास्थ्यय अभियान स्वस्थ रहने की कला  योग प्रशिक्षक सुनील नाडेकर परिव्राजक, मनखेड़ गायत्री परिवार नाशिक ट्रस्ट,  अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ के योग शिक्षक 
, आदरणीय अमृत भाई  जयंती भाई नाशिक के मार्गदर्शन मे !

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रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये


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Stim pot 

बेरोजगार योग शिक्षकों के लिए मध्यप्रदेश की सरकार के क्या कदम है जनता पूछती है?


✍️बंधुओ 

सरकार के पास जनता के स्वास्थ्यय के लिए जो फण्ड रहता है वो फण्ड स्वास्थ्यय विभागों मे दिया जाता है लेकिन योग के माध्यम से सरकार के योग से निरोग कार्यक्रम मे बिना शुल्क के कई संस्थाओ के बेरोजगार योग शिक्षकों ने इस भीषण महामारी मे अपनी सेवाएं दी लेकिन मप्र सरकार ने क्या किया सिर्फ वाहवाही के अलावा, योग शिक्षकों को उचित मानदेय मिले शिक्षकों का सम्मान विदेशो मे होता है लेकिन हमारे भारत देश मे संस्कृति स्वास्थ्यय के संवाहक योग शिक्षकों को सरकार की कोई मदद नहीं मिलती स्थिति गंभीर है बदतर है कोरोना के कैशेस मे भी सुधार योग से निरोग मे मप्र सरकार ने खुद होम आइसोलटिक 

मरीजों से चर्चा की परिणाम अच्छे मिले सरकार योग की महत्ता को जानते हुए भी क्यों योग शिक्षकों को मानदेय आधार पर या स्थायी नियुक्ति स्वास्थ्यय क्षेत्र मे नहीं कर रही है !

समय रहते सरकार को बदलना पड़ेगा नहीं तो सरकार पर  भारी दोषारोपण लगेगा !

'-सुनील नाडेकर 

परिव्राजक कार्यकर्ता -अखिल विश्व गायत्री परिवार 

जिला प्रभारी -बैतूल अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ 

साउंड बाथ थेरपी

 जासं, रांची : दैनिक जागरण के ब्रांड झारखंड फेसबुक पेज पर शुक्रवार को व‌र्ल्ड मेडिटेशन दिवस पर योग से बढ़ाएं इम्यूनिटी कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया। इसमें अखिल भारतीय योग शिक्षक संघ के संयोजक सह योग गुरु मंगेश त्रिवेदी के निर्देशन में संघ के पदाधिकारी एवं कर्नाटक के रहने वाले गिरधारी काड ने लोगों को कोरोना काल में न घबराते हुए साउंड बाथ मेडिटेशन के माध्यम से शरीर की रोग प्रतिरोग शक्ति बढ़ाने व मानसिक शांति प्राप्त करने का तरीका भी समझाया। लाइव कार्यक्रम में न केवल रांची, बल्कि देश के अन्य क्षेत्रों के साथ पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग शामिल हुए और साउंड बाथ मेडिटेशन के विषय में जानकारी प्राप्त की।


योग का सातवां अंग है मेडिटेशन


कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए योग गुरु मंगेश त्रिवेदी ने कहा कि ध्यान या मेडिटेशन योग का सातवां अंग है। अपने विचारों को परिष्कृत कर सही जगह पर लगाने को ही ध्यान कहा जाता है। उन्होंने कहा कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में ध्यान के साथ-साथ ध्वनि का भी बड़ा योगदान होता है। ध्वनि एवं प्रकृति दोनों ही ऐसे माध्यम हैं, जहां मन लगाने से हमारा चित्त स्थिर होता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता का बढ़ना अति आवश्यक है। हम साउंड बाथ वाइब्रेशन थेरेपी के माध्यम से रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के साथ ही मेंटल स्ट्रेस को दूर भगाकर एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि साउंड बाथ थेरेपी का अर्थ है ध्वनि से नहाना। जिस प्रकार हम अपने बाहरी शरीर की गंदगी को दूर करने के लिए पानी से नहाते हैं, उसी प्रकार शरीर के अंदर की गंदगी को दूर करने में साउंड बाथ थेरेपी काफी कारगर है, लेकिन यह एक दिन करने से अपना असर नहीं दिखा सकती है। इसके लाभ के लिए नियमित अभ्यास जरूरी है।


शारीरिक स्वास्थ्य से अधिक मानसिक स्वास्थ्य का महत्व


कार्यक्रम में मौजूद साउंड बाथ वाइब्रेशन थेरेपी के विशेषज्ञ गिरिधर काड ने कहा कि मौजूदा समय में शारीरिक स्वास्थ्य से अधिक मानसिक स्वास्थ्य का महत्व है। ध्यान करने से हमारा मन स्थिर होता है, जिससे हमारी ऊर्जा केंद्रित होती है और ऊर्जा बढ़ने से रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास होता है। उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण के ब्रांड झारखंड फेसबुक पेज पर कार्यक्रम का विषय मेडिटेशन या ध्यान है। मेडिटेशन कई तरीके के होते हैं, जिनमें से एक साउंड बाथ मेडिटेशन भी है। मेडिटेशन की इस विधा में तिब्बती सिगिग बाउल, थाई जाइलोफोन, ट्यूंड हीलिग पाइप जैसे लैब टेस्टेड उपकरणों के माध्यम से मनभावन ध्वनि और हल्के कंपन द्वारा हीलिग की जाती है, जो शरीर को तनावमुक्त करने एवं दिमाग को शांत करने में मदद करती है। चित्त स्थिर होने से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति भी धीरे-धीरे बढ़ती है। साउंड थेरेपी में ध्वनि तरंगों की मदद से कंपन उत्पन्न कर शरीर तक पहुंचाई जाती है। ये कंपन शरीर को तनावमुक्त बनाते हैं। गिरिधर ने बताया कि तिब्बती सिगिग बाउल सात तरह के धातुओं से बने होते हैं। इनको बजाने से जो ध्वनि तरंगें उत्पन्न होती हैं, उससे शरीर पर सकारात्मक असर पड़ता है और हमारा शरीर स्थिर होता है। शरीर के विभिन्न अंगों के लिए बाउल के बजाने पर अलग-अलग फ्रिक्वेंसी या आवृत्ति उत्पन्न होती है। उदाहरण के तौर पर अग्नाशय या पैंक्रियाज की फ्रिक्वेंसी 117.6 ह‌र्ट्ज है। उसी प्रकार ट्यूंड हीलिग पाइप से निकली ध्वनि तरंगें 432 ह‌र्ट्ज का फ्रिक्वेंसी बनाती हैं, जो हमारे चित्त को स्थिर करती हैं। थाई जाइलोफोन से निकली ध्वनि तरंगें हमारे शरीर के बाहर का आभामंडल को परिष्कृत करती हैं, जिसकी फ्रिक्वेंसी 790 ह‌र्ट्ज है।


प्रत्येक चक्र की होती है अलग-अलग फ्रिक्वेंसी


उन्होंने बताया कि हमारे शरीर में सात मुख्य चक्र होते हैं और प्रत्येक चक्र की अलग-अलग फ्रिक्वेंसी होती है। उसी तरह अलग-अलग चक्र के लिए अलग-अलग बाउल का प्रयोग किया जाता है। जिसके माध्यम से थेरेपी देकर रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के साथ मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है। उदाहरण के तौर पर हमारे शरीर के मेरूदंड या रीढ़ की हड्डी के ठीक नीचे जो चक्र अवस्थित है, उसे मूलाधार चक्र कहते हैं। उसकी फ्रिक्वेंसी 396 ह‌र्ट्ज है। मूलाधार चक्र का सिगिग बाउल उसे नियंत्रित करता है। उसी प्रकार नाभि चक्र के बिल्कुल चार इंच नीचे स्वाधिष्ठान चक्र स्थित है। यह चक्र क्रिएटिविटी से जुड़ा होता है। इस चक्र का बाउल बजाने से 4171 ह‌र्ट्ज की आवृत्ति उत्पन्न होती है। उसी प्रकार जाइलोफोन की फ्रिक्वेंसी 790 ह‌र्ट्ज है।


साउंड बाथ थेरेपी से निकल जाते हैं विषाक्त तत्व


उन्होंने कहा कि हमारे शरीर में 70-72 फीसदी जल की मात्रा है। साउंथ थेरेपी के तहत बाउल में 70 फीसदी जल भर कर उपकरण के माध्यम से गोल-गोल घूमाने से जो ध्वनि तरंगे उत्पन्न होती है, उससे जल ऊपर आने लगता है और उस ध्वनि के सुनने से शरीर में मौजूद विषाक्त तत्व पसीना, मल एवं मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाता है। इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है जो किसी भी प्रकार के वायरस के प्रभाव से हमें बचाता है। हालांकि यह एक दिन में नहीं होता है। नियमित करने से अच्छा परिणाम सामने आता है।


साउंड बाथ थेरेपी की विधि


साउंड थेरेपी को अच्छे से समझाने के लिए उन्होंने लाइव कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को संबोधित करते हुए जमीन पर मैट बिछाकर लेट जाने को कहा। उसके बाद कम रोशनी में आंख बंदकर शरीर को हल्का कर पूरा ध्यान सांसों पर लगाने के बाद बाउल की ध्वनि तरंगें एकाग्र होकर सुनने को कहा। कहा कि बाउल एवं अन्य उपकरणों के बजने से उत्पन्न मधुर एवं मनभावन ध्वनि तरंगें ध्यान और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक हैं। कुछ देर विभिन्न उपकरणों से हल्की ध्वनि तरंगें उत्पन्न करने के पश्चात उन्होंने ओम शांति-शांति-शांति हे का उच्चारण आरंभ किया। इसकी ध्वनि तरंग भी स्ट्रेस घटाने में काफी सहायक साबित हुई। फिर उन्होंने सभी को धीरे-धीरे आंख खोलकर बैठ जाने को कहा। उन्होंने कहा कि इस थेरेपी का नियमित अभ्यास करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति जरूर बढ़ेगी। साथ ही मानसिक तनाव भी दूर होगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य प्राकृतिक उपायों को अपना कर कोरोना जैसी महामारी से लड़ने की क्षमता विकसित करना है। लिहाजा इस साउंड थेरेपी का इस्तेमाल नियमित तौर पर करने से ही लाभ नजर आएगा।


साउंथ बाथ थेरेपी के फायदे


इस थेरेपी के नियमित अभ्यास से स्ट्रेस और चिता जैसे मानसिक विकार दूर होते हैं। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के साथ-साथ तनाव को कम करती है। थकान के कारण मानसिक तौर से थकावट महसूस करने में भी साउंड थेरेपी फायदेमंद साबित हो सकती है।


https://www.jagran.com/jharkhand/ranchi-sound-bath-theraoy-is-useful-in-immunity-development-21665546.html

तनाव कम करने मे प्राणायाम का योगदान

 


बंधुओ!  प्राणायाम वास्तव मे प्राण शक्ति का व्यायाम हैं, प्राण शक्ति विश्व ब्रम्हांड मे  व्याप्त हैं हमें उस प्राण शक्ति का उपयोग करने का तरीका मालूम हो तो हम सही फायदा प्राप्त कर सकते हैं, योग ग्रंथो मे प्राणायाम के उल्लेख हैं उच्च शिक्षा प्राप्त योग शिक्षकों से योग सीखे  प्राणायाम से हार्मोन्स सही तरीके से स्रावित होते हैं, प्राणायाम से रोगप्रतिरोधक क्षमता प्राप्त होती तनाव कम करने मे मदद मिलती  है श्वास पर नियंत्रण करने व प्राणायाम करने से हमारे शरीर की जीवनी शक्ति विकसित होती है !

:-योग प्रशिक्षक-पं.  सुनील नाडेकर

 +91-9685126801

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अमरावती घाट बैतूल मप्र भारत 

यज्ञ अभियान

 


स्वावलम्बी समाज से राष्ट्र उत्थान



 बंधुओ !असली शक्ति समाज के हाथ मे रहती हैं, जनता से बड़ा दैत्य, जनता से बड़ा राक्षस, ज़ालिम, और जनता से बड़ा शक्तिशाली भी दूसरा कोई हो नहीं सकता, जो शक्ति जनता के पास वो और किसी के पास नहीं !वो चाहे तो शासन को ऊंचा करें चाहे

निचे गिरा दे, यदि हम बताएँगे की अपनी समस्या समाधान आप खुद कर सकते हो स्कूल कॉलेज बनाना उतना आसन हैं लेकिन जनता की प्रवृति को जगाना आसान नहीं होता, और स्वावलम्बी बनाना कोई भी राष्ट्र ऊंचा उठा हैं तो स्वावलम्बी होकर उठा हैं, परायी सहायता से आज तक कोई नहीं उठा हैं, हम गाँव गाँव  जाएंगे घर घर कहेँगे हर रोज 1घंटा समाज के लिए समय देने को कहेँगे, तो आप कहेँगे क्या यही अध्यात्म हैं तो हाँ  अध्यात्म भी धर्म भी भक्ति भी आज की जरुरत हैं यही हम सबको करना चाहिए !

 विचार विश्लेषण -पं. सुनील नाडेकर गायत्री प्रज्ञा मण्डल अमरावती घाट 

:सन्दर्भ ग्रन्थ:वां.-68पृ. 53-55-लेखक पं श्रीराम शर्मा आचार्य 


गुरुवार, 20 मई 2021

#लॉकडाउन_का_अध्यात्म

लॉकडाउन का अध्यात्म 

बंधुओ आज की स्थिति लॉक डाउन का दौर कोई  भी स्थिर चित्त नहीं  हम देख पा रहे है  

सभी जन  समुदाय  हर कही कोरोना के चर्चे  इस विषम परिस्थिति मे हमें ईश्वर से प्रार्थना करते रहना है सभी के कल्याण की  सूक्ष्म जगत मे सकारात्मक वातावरण की अनुभूति का माध्यम है स्वाध्यय कोई भी  सद्साहित्य का स्वाध्यय करें आचार्य पं. श्रीराम शर्मा ने  क्रांतिधर्मी साहित्य लिखा है उसे पढ़े छोटी छोटी किताबें आप ऑनलाइन भी पढ़ सकते है, योग प्राणायाम मान्यता प्राप्त योग्य योग शिक्षक से सीखकर रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये सम्पूर्ण मानव जाती आज दाव पर लगी है, एक दूसरे का सहयोग करें  सभी का सम्मान करें. तनाव मुक्ति के लिएध्यान करें  !

 आशा करता हु मेरा यह ब्लॉग आपको पसंदआया होगा इसे जन जन तक शेयर करें. 

          धन्यवाद 

आपका सुनील नाडेकर (पंडित,&योग शिक्षक  )Whatsapp +91-9685126801

#कोरोना_से_बचाव_योग _से _मिल रहा समाधान

#कोरोना से बचाव योग से मिल रहा समाधान 


आज पूरी दुनिया मे तृतीय विश्व युद्ध स्तर का संग्राम चीन देश से छिड़ गया जिसके चलते त्राहि त्राहि मनुजता कर रही है कोरोना नामक वायरस ने कई  लोगो को आहूत कर दिया, कई घरों मे डर बना हुआ हैँ  डरे नहीं अपने इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए योग प्राणायाम उच्च शिक्षा प्राप्त योग शिक्षकों से योग सीखे प्राणायाम सीखे
बंधुओ आज जहाँ विदेशी लोग अपने देश की संस्कृति को अपना रहे हैँ वही हमारे देश के लोग इसके महत्व नहीं समझ पा रहे हैँ योग मन, शरीर और आत्मा की खुराक हैँ आप हर बीमारी से बच सकते हैँ  योग प्रमाणित हैँ असरकारक है यदि आपको ऑनलाइन घर बैठे योग सीखना है तो  हमसे संपर्क करें हमारा नंबर है whatsapp +91-9685126801 
अल्टरनेटिव मो. +91-6263902970
योग प्रशिक्षक :सुनील नाडेकर 
M.A.योग, डिप्लोमा योग, धर्म विज्ञान सर्टिफिकेट हरिद्वार 


बुधवार, 19 मई 2021

युग ऋषि का संदेश

 🌺🌺 युगऋषि के सन्देश 🌺🌺

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          👉 हमारे अंग बन जाओ 🌺☘


🔸️ मित्रो ! हमारी एक ही महत्त्वाकांक्षा है कि हम सहस्रभुजा वाले सहस्रशीर्षा पुरुष बनना चाहते हैं। तुम सब हमारी भुजा बन जाओ, हमारे अंग बन जाओ, यह हमारी मन की बात है। गुरु-शिष्य एक-दूसरे से अपने मन की बात कहकर हल्के हो जाते हैं। हमने अपने मन की बात तुमसे कह दी। अब तुम पर निर्भर है कि तुम कितना हमारे बनते हो? पति-पत्नी की तरह, गुरु व शिष्य की आत्मा में भी परस्पर ब्याह होता है, दोनों एक-दूसरे से घुल-मिलकर एक हो जाते हैं। समर्पण का अर्थ है-दो का अस्तित्व मिटाकर एक हो जाना। तुम भी अपना अस्तित्व मिटाकर हमारे साथ मिला दो व अपनी क्षुद्र महात्त्वाकांक्षाओं को हमारी अनन्त आध्यात्मिक महात्त्वाकांक्षाओं में विलीन कर दो। जिसका अहं जिन्दा है, वह वेश्या है। जिसका अहं मिट गया, वह पवित्रता है। देखना है कि हमारी भुजा, आँख, मस्तिष्क बनने के लिए तुम कितना अपने अहं को गला पाते हो? इसके लिए निरहंकारी बनो। स्वाभिमानी तो होना चाहिए, पर निरहंकारी बनकर। निरहंकारी का प्रथम चिह्न है वाणी की मिठास। 


🔹️ वाणी व्यक्तित्व का हथियार है। सामने वाले पर वार करना हो तो तलवार नहीं, कलाई नहीं, हिम्मत की पूछ होती है। हिम्मत न हो तो हाथ में तलवार भी हो, तो बेकार है। यदि वाणी सही है तो तुम्हारा व्यक्तित्व जीवन्त हो जाएगा, बोलने लगेगा व सामने वाले को अपना बना लेगा। अपनी विनम्रता, दूसरों का सम्मान व बोलने में मिठास, यही व्यक्तित्व के प्रमुख हथियार हैं। इनका सही उपयोग करोगे तो व्यक्तित्व वजनदार बनेगा

✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य

📖 वाङमय-नं-६८-पेज-१.

:-गायत्री प्रज्ञा मण्डल अमरावती घाट, बैतूल मप्र 

युग ऋषि की भविष्य वाणी साकार होकर पूर्णता की ओर

✍️ युग ऋषि की भविष्य वाणी साकार होकर पूर्णता की ओर... 

बंधुओ 

  युग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक, वेदमूर्ति तपोनिष्ठ, सच्चे युग सैनिक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे है उन्होंने अपनी तप शक्ति से अपने साहित्य मे घटित घटनाओ को पहले से लिख दिया था जो सब घटित हो रहा है नारी युग  आएगा, इक्कीसवी सदी उज्जवल भविष्य की घोसणा, अब प्रारम्भ है नारियो को सम्मान मिला !

        उन्होंने लिखा है शहरों का मोटापा कम होगा, आज हम देख रहे गाओं से गए वाले लोग वापस गाओ की ओर आ रहे, नोट करने वाले नोट कर ले, पैसा समाज मे बट जायेगा, आज पैसा समाज मे बट रहा है कोठे तिजोरी वाले महाकाल की मार से  सुधर जायेंगे और जन कल्याण मे अपना धन लगाएंगे ! 

    :-पं. सुनील नाडेकर,श्री प्रज्ञा केंद्र,  

   अमरावती घाट

बैतूल whatsapp +91-9685126801 

घर घर यज्ञ की वैज्ञानिक महत्ता

 👉घर घर यज्ञ की वैज्ञानिक महत्ता 


ऋषियों की परंपरा वैज्ञानिक थी यज्ञ से बहुत फायदे है हमारे ऋग्वेद मे कहा है यज्ञो वै श्रेष्ठतम कर्मः 

यज्ञ एक श्रेष्ठ कर्म है, वातावरण मे वाइरस बैक्टीरिया दूर होते है, मानसिक उपचार का माध्यम यज्ञ है. यज्ञ चिकित्सा पद्धति 

   :-पं. सुनील नाडेकर अमरावती घाट बैतूल मप्र 

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