My Whatsapp Channel
https://whatsapp.com/channel/0029VaRKkjQKrWQxvVffX40W
बुधवार, 9 अक्तूबर 2024
अष्टमी नवमी का समय मुहूर्त 11अक्तुबर् २०२४ को
*
*10, 11 या 12 अक्टूबर में से किस दिन की जाएगी*
? *अष्टमी-नवमी की पूजा?* यहां जानिए सही तारीख और पूजा मुहूर्त
Ashtami and Navami date Puja Muhurta :
- *_इस बार एक नवरात्र बढ़ जाने के कारण आम लोग अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर थोड़े कंफ्यूज हैं. ऐसे में हम आपको इस लेख में अष्टमी और नवमी तिथि की सही तारीख बताने जा रहे हैं ताकि आप विधिपूर्वक नवरात्रि का समापन कर सकें_*
* *_पंचांग के अनुसार, इस साल शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि की शुरूआत दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से शुरू हो रही है जिसका समापन अगले दिन 11 अक्तूबर को 12 बजकर 6 मिनट पर होगी. इसके समापन के तुरंत बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी_*, जो 12 अक्तूबर सुबह 10 बजकर 57 मिनट पर होगी.
* _*आपको बता दें कि उदयातिथि पड़ने के कारण अष्टमी और नवमी तिथि का व्रत 11 तारीख को ही रखा जाएगा*_.
शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2024
जनेऊ पहनने के वैज्ञानिक लाभ
#####जनेऊ पहनने का लाभ######
1.जीवाणु और बैक्टीरिया से बचाव जो लोग जनेऊ पहनते हैं और इससे जुड़े नियमों का पालन करते हैं वह मल मूत्र त्याग करते वक्त अपना मुंह बंद रखते हैं। इसकी आदत पड़ जाने के बाद लोग बड़ी आसानी से गंदे स्थानों पर पाए जाने वाले जीवाणु और बैक्टीरिया ओं के प्रकोप से बच जाते हैं।
2.गुर्दे की सुरक्षा जनेऊ पहनने वाले बैठकर ही जलपान करना करते हैं। अर्थात खड़े रहकर पानी नहीं पीना चाहिए। और बैठकर ही मूत्र त्याग करते हैं। इससे किडनी का प्रेशर नहीं पड़ता।
3.हृदय रोग और ब्लड प्रेशर से बचाव शोध अनुसार मेडिकल साइंस ने भी यह पाया है कि जनेऊ पहनने वाले लोगों को हृदय रोग और ब्लड प्रेशर की आशंका अन्य लोगों के मुकाबले कम होती है शरीर के खून में प्रभाव को भी कंट्रोल करने में मददगार होता है।
4.लकवे से बचाव जनेऊ पहनने से लकवे की संभावना भी कम हो जाती है। क्योंकि जनेऊ धारण करने वाले को लघु शंका व मल त्याग करते समय दांत पर दांत रख कर बैठना चाहिए, ऐसा करने से आदमी को लकवा नहीं मारता।
5.कब्ज से बचाव जनेऊ के कान के ऊपर कसकर लपेटने से कान के पास से गुजरने वाली उन नसों का भी दबाव पड़ता है। जिनका संबंध सीधे आंतो से होता है। इस कारण कब्ज की शिकायत नहीं होती है।
6.स्मरण शक्ति की रक्षा कान पर हर रोज जनेऊ रखने और कसने से स्मरण शक्ति सही बनी रहती है। क्योंकि कान पर जनेऊ लपेटने से कान पर दबाव पड़ता है जिससे दिमाग की नसें एक्टिव हो जाती हैं।
7.बुरी आत्माओं से रक्षा ऐसा मानना है कि जनेऊ पहनने वाले के पास बुरी आत्माएं नहीं भटकती, इसका कारण यह है कि जनेऊ धारण करने वाला खुद पवित्र आत्मरूप बन जाता है, और उसमें आध्यात्मिक ऊर्जा का विकास होता है।
गुरुवार, 3 अक्तूबर 2024
नवरात्रि के नियम
नवरात्रि के व्रत को सात्विक आहार के साथ संतुलित किया जाना चाहिए। इस आहार में मांसाहारी, तले हुए और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से परहेज करना और ताजे फल और मौसमी सब्जियाँ खाना शामिल है। सात्विक आहार आपको शांति का अनुभव कराता है और तनाव के स्तर को कम करता है।
नवरात्रि में पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए। पति-पत्नी को एक ही बिस्तर नहीं सोना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें फर्श पर चटाई बिछा कर सोना चाहिए।
व्रत रखने से एक दिन पहले ही बालों को साफ कर लें, लेकिन आप अगर व्रत वाले दिन बाल धोना चाहती हैं या जरुरी हो तो कच्चे दूध को पानी में मिलकर सिर धो लें.
आप भगवान को छूने के अलावा सब कुछ कर सकते हैं। मासिक धर्म चक्र के दौरान, शारीरिक पूजा या देवता की पूजा को छोड़कर सब कुछ करने की अनुमति है। आप मंदिर जा सकते हैं, कीर्तन सुन सकते हैं, महामंत्र का जाप कर सकते हैं, यहाँ तक कि प्रसाद भी ले सकते हैं। और, आपने भगवान कृष्ण की “प्रार्थना” करने के बारे में बताया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी सुहागिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान सिंदूर नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि, ज्योतिष शास्त्र में सिंदूर को बेहद ही शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जब महिलाओं को पीरियड आता है, तो उस समय महिलाएं अशुद्ध हो जाती है।
बुधवार, 2 अक्तूबर 2024
नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त 3 अक्टू 2024
ल्
Shardiya Navratri Kalash Sthapana Timing 2024 Auspicious Choghadiya Muhurat for Ghatasthapana 3 October
नवरात्रि घटस्थापना टाइमिंग: 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से कलश स्थापना का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
Kalash Sthapana Time Navratri 2024: नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पूजन के अलावा कलश स्थापना या घट स्थापना का विधान है। जानें पंडित जी से कलश स्थापना का शुभ चौघड़िया मुहूर्त-
नवरात्रि घटस्थापना टाइमिंग: 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से कलश स्थापना का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान
Wed, 2 Oct 2024, 03:40:PM
अगला लेख
Ghatasthapana Muhurat Shardiya Navratri 3 October 2024: मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। इस साल माता रानी पालकी पर सवार होकर आ रही हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश या घट स्थापना की जाती है। इस दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। नवरात्रि के प्रथम दिन सूर्योदय से लेकर दोपहर 03:17 बजे तक हस्त नक्षत्र व्याप्त रहेगा और उसके बाद चित्रा नक्षत्र प्रारंभ होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हस्त नक्षत्र में कलश या घट स्थापना करना अत्यंत शुभ माना गया है। नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करना अत्यंत श्रेष्ठ व शुभ फलदायक मानी गई है। जानें पंडित जी से घट स्थापना के शुभ चौघड़िया मुहूर्त-
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पंडित दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार, तीन अक्टूबर को शुभ चौघड़िया मुहूर्त सुबह छह बजे से सुबह 07:30 बजे तक रहेगा और उसके बाद सुबह 10:30 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक रहेगा। लेकिन राहुकाल दोपहर 01:30 बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक रहेगा। राहुकाल के समय कलश स्थापना करना उत्तम नहीं माना गया है।
मंगलवार, 1 अक्तूबर 2024
पाम आयल से बनाते है फास्ट फ़ूड होता है नुकसान
प्रिय मित्रों!
मैं डॉ. भावना हूँ और पी.जी.आई. में बाल चिकित्सा सर्जरी के लिए काउंसलर के पद पर कार्यरत हूँ।
मैं आपसे एक छोटा सा अनुरोध करना चाहती हूँ।
उससे पहले, मैं आपके साथ एक छोटी सी जानकारी साझा करना चाहती हूँ।
आपमें से कई लोगों ने आज के समाचार पत्रों में पढ़ा होगा कि
EMRI के परिणाम बताते हैं कि हार्ट अटैक से पीड़ित अधिकांश लोग 50 वर्ष से कम उम्र के हैं।
*आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इसका दोषी पाम ऑयल है। यह शराब और धूम्रपान दोनों से कहीं अधिक खतरनाक है।*
*भारत इस दुनिया में पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है।*
पाम ऑयल माफिया बहुत बड़ा है।
*हमारे बच्चे, जो भविष्य हैं, बहुत बड़े खतरे में हैं।*
इस देश में पाम ऑयल के बिना कोई फास्ट फूड उपलब्ध नहीं है।
यदि आप *हमारे किराने की दुकान पर जाते हैं, तो पाम ऑयल के बिना बच्चों के खाने योग्य खाद्य पदार्थ लेने की कोशिश करते हैं - तो आप सफल नहीं होंगे।*
आपको यह जानकर दिलचस्पी होगी कि *बड़ी कंपनियों के बिस्कुट भी इसी से बनते हैं, और इसी तरह सभी चॉकलेट भी*। हमें यह विश्वास दिलाया जाता है कि वे स्वास्थ्यवर्धक हैं, लेकिन हम कभी भी *घातक पाम ऑयल या पामिटिक एसिड* के बारे में नहीं जानते थे। *लेज़ जैसी बड़ी कंपनियाँ पश्चिमी देशों में अलग तेल और भारत में पाम ऑयल का इस्तेमाल करती हैं* सिर्फ़ इसलिए क्योंकि यह सस्ता है।
जब भी हमारा बच्चा पाम ऑयल वाला कोई उत्पाद खाता है, तो उसका मस्तिष्क अनुचित तरीके से व्यवहार करता है और हृदय के आस-पास और हृदय में वसा स्रावित करने का संकेत देता है *जिससे बहुत कम उम्र में ही मधुमेह हो जाता है।*
विश्व आर्थिक फॉर्म ने अनुमान लगाया है कि कम उम्र में मरने वाले 50 प्रतिशत लोग मधुमेह और हृदय रोग से मरेंगे।
*पाम ऑयल माफिया ने हमारे बच्चों को जंक फूड की लत लगा दी है, जिससे वे फल और सब्ज़ियाँ छोड़ देते हैं, जो हृदय के लिए सुरक्षात्मक हैं।*
अगली बार जब आप अपने बच्चे के लिए कुछ खरीदें, तो उत्पाद का लेबल देखें। अगर उसमें पाम ऑयल या पामोलीनिक ऑयल या पामिटिक एसिड है, तो उसे खरीदने से बचें!
हमने अपने माननीय प्रधान मंत्री को पत्र लिखा है और हम अपनी भावी पीढ़ियों को सुरक्षित करने के लिए कुछ कदम उठाने के लिए पूरे भारत में 1 लाख डॉक्टरों से इसी तरह के पत्र लिखवाने की प्रक्रिया में हैं।
एक बार फिर मैं अपने बच्चों के लिए आसन्न खतरे पर जोर देना चाहता हूँ।
कृपया अपने बच्चों की रक्षा करें। वे हमारे देश का भविष्य हैं! कृपया इस संदेश को आगे बढ़ाएँ।
इसे अपने करीबी दोस्तों और परिवार के सदस्यों को भेजना न भूलें। कृपया ध्यान दें कि इसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को भेजें।
सोमवार, 30 सितंबर 2024
महिलाये भी श्राद्ध कर सकती है जाने गरुड़ पुरान् क्या कहता है
क्या महिलाएं श्राद्ध, तर्पण या पिंडदान कर सकती हैं, जानें क्या कहता है गरुड़ पुराण?
Garuda Purana: पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध या तर्पण का महत्व है. आमतौर पर पुरुष ही ये काम करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाएं भी पितरों के निमित्त श्राद्ध या तर्पण कर सकती हैं.
गरुड़ पुराण
हिंदू धर्म में किसी की मृत्यु के बाद मृतक का श्राद्ध या तर्पण किया जाना जरूरी होता है. कहा जाता है कि, जब तक मृतक का श्राद्धकर्म, तर्पण या पिंडदान न किया जाए तब तक उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है.
लेकिन आम जनमानस के बीच ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध केवल पुरुष द्वारा ही किया जा सकता है. हालांकि यह धारण पूरी तरह से सही नहीं है. गरुड़ पुराण में महिलाओं द्वारा श्राद्धकर्म, तर्पण या पिंडदान किए जाने की बात कही गई है. हालांकि इसमें कुछ ऐसी परिस्थितियों के बारे में भी बताया गया है, जिसमें महिला द्वारा पिंडदान या श्राद्ध किया जा सकता है.
महिलाओं द्वारा तर्पण या श्राद्ध किए जाने पर क्या कहता है गरुड़ पुराण?
गरुड़ पुराण में कुल 271 अध्याय और 18 हजार श्लोक हैं. गरुड़ पुराण के 11, 12,13 और 14 संख्या के श्लोक में इस बात का उल्लेख मिलता है कि हिंदू धर्म में श्राद्ध का क्या महत्व है, कौन और किस परिस्थिति में श्राद्ध कर सकता है, जोकि इस प्रकार से है-
पुत्राभावे वधु कूर्यात, भार्याभावे च सोदन:। शिष्यों वा ब्राह्म्ण: सपिण्डो वा समाचरेत।। ज्येष्ठस्य वा कनिष्ठस्य भ्रातृ: पुत्रश्च: पौत्रके। श्राध्यामात्रदिकम कार्य पुत्रहीनेत खग:।
अर्थ है: बड़े या छोटे बेटे या बेटी के अभाव में पत्नी या बहू द्वारा भी श्राद्ध किया जा सकता है. लेकिन पत्नी जीवित नहीं हो तो सगा भाई, भतीजा, भांजा भी श्राद्ध कर सकता है. वहीं इनमें से कोई भी नहीं हो तो किसी शिष्य, मित्र या रिश्तेदार द्वारा भी श्राद्ध किया जा सकता है.
गरुड़ पुराण के इस श्लोक से यह स्पष्ट होता है कि, महिलाओं के पास भी श्राद्ध या पिंडदान करने का अधिकार है. लेकिन इसके लिए कुछ विशेष परिस्थितियां भी बताई गई हैं. लेकिन तर्पण या श्राद्ध के लिए पहले पुरुष को ही वरीयता दी जाती है.
माता सीता ने भी किया था ससुर का पिंडदान
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, माता सीता ने अपने ससुर राजा दशरथ का पिंडदान किया था. इसके बाद राजा दशरथ की आत्मा को शांति मिली थी. वनवास के दौरान जब श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता पितृपक्ष के दौरान राजा दशरथ के पिंडदान के लिए गया धाम पहुंचे. लेकिन कुछ समय के लिए श्राद्ध की सामग्री लेने के लिए प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण जी नगर की ओर गए. इस बीच वहां आकाशवाणी हुई कि पिंडदान का शुभ समय समाप्त होने वाला है. तब राजा दशरथ की आत्मा ने माता सीता को दर्शन दिए और उनसे पिंडदान करने को कहा.
राजा दशरथ की इच्छा का पालन करते हुए माता सीता ने तब फालगु नदी, केतकी के फूल, गाय और वट वृक्ष को साक्षी मानकर बालू की पिंडी बनाकर राजा दशरथ का पिंडदान किया था. इस तरह से शास्त्रों में पुत्र की अनुपस्थिति में पुत्रवधू को पिंडदान या श्राद्ध का अधिकार प्राप्त हुआ.
panditjti 9685126801
पंडित सुनील नाड़ेकर भारद्वाज
बुधवार, 25 सितंबर 2024
सामुहिक् तर्पण पिंडदान सामग्री लिस्ट ***
* सामुहिक् तर्पण पिंडदान सामग्री लिस्ट ***
*****पंडितजी मो.9685126801******
मार्गदर्शन :- श्री मदनजी सातपुते महाराज (,अमरावती घाट). मो. 7470366653
स्थान : बलेगाव ताप्ती घाट तह मुलताई बैतूल mp
समय तिथि : सुबह् 8बजे से 12बजे तक
🪔 नवमी श्राद्ध गुरुवार 26 सितम्बर 2024
🪔 सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध 2 अक्टूम्बर 2024
1. पलाश के पत्ते की दो पत्तल या डिस्पोजल पत्तल ,2 गिलास डिस्पोजल ,
1 ताम्बे का लोटा , आटा भिगोने के लिए थाली 1,
जौ का आटा 1पाव् या गेहूं का
2. दूध ,दही, शहद ,
3. उड़द मुंग के 5 बड़े फीके बिना मिर्च बिना नमक के, बिना लहसुन प्याज़ के !
4. एक जोड़ी कपड़े या धोति बदलने के लिए टॉवल
5. जनेऊ यज्ञोपवित 1जोडी
6. काश एवं काश की कुश पवित्री अंगूठी बनाकर लाये !
7. चंदन , सफ़ेद फुल ,काले तिल जोौ ,चावल अक्षत 100 ग्राम ,
गुड़ सभी थोड़ा थोड़ा लेवे , धुपबत्ति , माचिस , आटे का दीपक, कपास बत्ती, सिक्के 5 ,
8. हवन पुड़ा 50.gm, हवन की लकड़ी , घी .50ml ,कपूर
9. दक्षिणा स्वेच्छानुसार
___श्री प्रज्ञा सेवा केंद्र एवं गायत्री प्रज्ञा मंडल अमरावती घाट के तत्वावधान में __
सम्पर्क् मार्गदर्शन :- श्री श्रावण जी चरपे
,श्री चंद्रभान जी वाडबुदे , श्री दयाराम जी सातपुते , श्री प्रकाश जी (बारमाशे टेलर् )
,श्री मोरेश्वर जी सातपुते,अमरावती घाट का
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
LIFE
*Shri pragya services*🇮🇳 Whatsapp _*+91-9685126801**Call 🤳🏻_*+91-6263902970* 👉ONLINE INTERACTIV
-
✍️बंधुओ सरकार के पास जनता के स्वास्थ्यय के लिए जो फण्ड रहता है वो फण्ड स्वास्थ्यय विभागों मे दिया जाता है लेकिन योग के माध्यम से सरकार के य...
-
उत्तर प्रदेश बरेली जिला के गंज गांव में वर पक्ष की मांगो से आश्चर्यचकित हुआ वधु परिवार, विवाह पूर्व एक लड़के की अनोखी मांगों से लड़की वाले...
-
#कोरोना से बचाव योग से मिल रहा समाधान आज पूरी दुनिया मे तृतीय विश्व युद्ध स्तर का संग्राम चीन देश से छिड़ गया जिसके चलते त्राहि त्राहि मनुजत...