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शनिवार, 23 नवंबर 2024
विवाह के लिए पढ़िए जाग्रत युवा वर की शर्ते ....
उत्तर प्रदेश बरेली जिला के गंज गांव में वर पक्ष की मांगो से आश्चर्यचकित हुआ वधु परिवार,
विवाह पूर्व एक लड़के की अनोखी मांगों से लड़की वाले हैरान हैं
☆लड़के की मांगों की चर्चा पूरे शहर में हो रही है।
☆यह मांगें दहेज को लेकर नहीं बल्कि विवाह संपन्न कराने के तरीके और अनुचित परंपराओं को लेकर हैं !!
मांगें इस प्रकार से हैं::
01 कोई प्री वैडिंग शूट नहीं होगा.
02 🌹 दुल्हन शादी में लहंगे की बजाय साड़ी पहनेगी.
03 🌹 मैरिज लॉन में ऊलजुलूल अश्लील कानफोड़ू संगीत की बजाय, हल्का इंस्ट्रूमेंटल संगीत बजेगा.
04🌹 वरमाला के समय केवल दूल्हा दुल्हन ही स्टेज पर रहेंगे.
05🌹 वरमाला के समय दूल्हे या दुल्हन को.. उठाकर उचकाने वालों को विवाह से निष्कासित कर दिया जायेगा.
06🌹 पंडितजी द्वारा विवाह प्रक्रिया शुरू कर देने के बाद कोई ,उन्हें रोके टोकेगा नहीं.
07🌹 कैमरामैन फेरों आदि के चित्र दूर से लेगा न कि बार बार पंडितजी को टोक कर..!
ये देवताओं का आह्वान करके उनके साक्ष्य में किया जा रहा विवाह समारोह है.. ना की किसी फिल्म की शूटिंग.
08🌹 दूल्हा दुल्हन द्वारा कैमरामैन के कहने पर उल्टे सीधे पोज नहीं बनाये जायेंगे.
09🌹विवाह समारोह दिन में हो और शाम तक विदाई संपन्न हो। जिससे किसी भी मेहमान को रात 12 से 1 बजे खाना खाने से होने वाली समस्या जैसे अनिद्रा, एसिडिटी आदि से परेशान ना होना पड़े।
इसके अतिरिक्त मेहमानों को अपने घर पहुंचने में मध्य रात्रि तक का समय ना लगे और असुविधा ना हो।
10🌹नवविवाहित को सबके सामने.. आलिंगन के लिए कहने वाले को तुरंत विवाह से निष्कासित कर दिया जायेगा.
11. विवाह में किसी प्रकार का मांस मदिरा वर्जित होगा, विवाह में देवी देवताओं का आवाह्न किया जाता है, मांस मदिरा देखकर देवी देवता रूष्ट होकर , दुल्ले दुल्हन को बिना आशीर्वाद दिए चले जाते हैं।
🌹ज्ञात हुआ है लड़की वालों ने लड़के की सभी मांगे सहर्ष मान ली है..!!
समाज सुधार करने के लिए सुंदर सुझाव.! सभी के लिए अनुकरणीय..!!
🙏🏻शादी एक पवित्र बंधन है.. मर्यादाओं मे रहे ..🙏🏻अपनी पुरानी परंपरा ही ठीक है.....दिखावे से बचे।💐!!
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शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
सीकर जिले में हाल ही में रात को शादी में मचा बवाल..
सीकर जिले में हाल ही में रात को शादी में मचा बवाल..
जूता छुपाई रस्म में दूल्हे की सालियों ने 11,000 रुपयों की डिमांड कर डाली और कह दिया 11,000 दिये जाएंगे तभी दीदी को भेजा जायेगा फिर भी वर पक्ष कि ओर से 51,00 या कुछ पर सहमति बनी लेकिन 11,000 दिए जाने पर ही आपके साथ भेजा जाएगा इसमें बवाल मच गया और ऐसे में दूल्हे ने भी 5 लाख ओर बुलेट बाइक की डिमांड कर डाली माहौल इतना गरमा–गया कि कैसे भी करके सालियों ओर वधू पक्ष को समझाया गया लेकिन दुल्हा अपनी बात पर डटा रहा और वधू मंजू जाखड़ की ओर से पुलिस कोतवाली में FIR शिकायत कराई और दहेज का मुकदमा दर्ज कर डाला, मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि FIR में बहुत सारी बातों को बढ़ा –चढ़ाकर पेश किया हैं –दोनों पक्षों की ओर पुलिस ने भी काफ़ी समझाने का प्रयास किया लेकिन साथ ही वर पक्ष की ओर से भी FIR पिता की तरफ से कर डाली कि मेरे बेटे को बंधक बना लिया गया!
एक तरफ़ दूल्हे ने मना कर दिया जब उनकी और परिवार के विरुद्ध FIR कराई गई ओर दुल्हन ने भी मना कर दिया!
लड़के और लड़की ने एक दूसरे को ठुकरा दिया..!
ये सब उस समय हुआ जब बारात गांव वापस लौट चुकी थी और फेरे भी हो गए लेकिन जूते छुपाई रस्म के दौरान ये सब हुआ
दोनों पक्षों की ओर से करीबन 40–50 लाख तक का शादी पर खर्चा हुआ!!!!
शादी में बच्चो को इतनी छूट भी ना देवें जिससे कि शादी ही खराब हो जाये, रस्में और रिवाज मान सम्मान के लिए होती है ना कि मौल भाव के लिए 🙏
जबकि राजस्थान में जूता छुपाने जैसा कोई रिवाज था ही नहीं, फिल्मों का असर से शुरू हुआ है।
सोमवार, 14 अक्तूबर 2024
पापांकुशा एकादशी के उपाय
तुलसी की पूजा
पापांकुशा एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन तुलसी पर जल चढ़ाकर, दीप जलाएं और तुलसी स्तुति का पाठ करें।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ
इस दिन भगवान विष्णु का विशेष ध्यान करते हुए विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। यह पाठ सभी प्रकार के पापों को नष्ट करता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
दान-पुण्य
पापांकुशा एकादशी के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना विशेष फलदायी होता है। इस दिन अन्न, वस्त्र, और धन का दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति सभी पापों से छुटकारा पाता है।
रविवार, 13 अक्तूबर 2024
कुम्भ विवाह मांगलिक दोष निवारण पूजा लिस्ट
कुंभ विवाह पूजन सामग्री
रोली 10 ग्राम
अक्षत 200 ग्राम
कलावा 3 गुला
सुपारी, लौंग 11 पीस
पान, इलाइची 11 पीस
जनेऊ 2 जोड़ी
लाल, पिला कपड़ा 2 जोड़ी
चन्दन 5 ग्राम
पीला सिंदूर 5 ग्राम
फूल और माला 5
पीली सरसों 10 ग्राम
फल 5 प्रकार
दूर्वा घास, नारियल 2
तुलसी पत्र, केला पत्ता, आम पत्ता इत्यादि
मदार का पौधा
कुंभ विवाह पूजन सामग्री
रोली 10 ग्राम
अक्षत 200 ग्राम
कलावा 3 गुला
सुपारी, लौंग 11 पीस
पान, इलाइची 11 पीस
जनेऊ 2 जोड़ी
लाल, पिला कपड़ा 2 जोड़ी
चन्दन 5 ग्राम
पीला सिंदूर 5 ग्राम
फूल और माला 5
पीली सरसों 10 ग्राम
फल 5 प्रकार
दूर्वा घास, नारियल 2
तुलसी पत्र, केला पत्ता, आम पत्ता इत्यादि
मदार का पौधा
विष्णु/लक्ष्मी जी की प्रतिमा
कपूर 20 ग्राम
घी 100 ग्राम
बताशा 100 ग्राम
ताम्र कलश
रुई, बत्ती, मिष्ठान
गंगाजल
घड़ा परिया सहित 1 पीस
आम की लकड़ी 2 किलो
हवन सामग्री 300 ग्राम
तिल 100 ग्राम
जौ 50 ग्राम
अक्षत 100 ग्राम
चीनी 50 ग्राम
पंचमेवा 100 ग्राम
घी 200 ग्राम
गूगल 50 ग्राम
चन्दन बुरादा 20 ग्राम
कमल गट्टा 10 पीस
अगरतगर 10 ग्राम
आधिक् जानकारी के लिए हमें फोन करे 9685126801📱
पंडित - सुनील नाड़ेकर (भारद्वाज)
बुधवार, 9 अक्तूबर 2024
अष्टमी नवमी का समय मुहूर्त 11अक्तुबर् २०२४ को
*
*10, 11 या 12 अक्टूबर में से किस दिन की जाएगी*
? *अष्टमी-नवमी की पूजा?* यहां जानिए सही तारीख और पूजा मुहूर्त
Ashtami and Navami date Puja Muhurta :
- *_इस बार एक नवरात्र बढ़ जाने के कारण आम लोग अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर थोड़े कंफ्यूज हैं. ऐसे में हम आपको इस लेख में अष्टमी और नवमी तिथि की सही तारीख बताने जा रहे हैं ताकि आप विधिपूर्वक नवरात्रि का समापन कर सकें_*
* *_पंचांग के अनुसार, इस साल शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि की शुरूआत दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से शुरू हो रही है जिसका समापन अगले दिन 11 अक्तूबर को 12 बजकर 6 मिनट पर होगी. इसके समापन के तुरंत बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी_*, जो 12 अक्तूबर सुबह 10 बजकर 57 मिनट पर होगी.
* _*आपको बता दें कि उदयातिथि पड़ने के कारण अष्टमी और नवमी तिथि का व्रत 11 तारीख को ही रखा जाएगा*_.
शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2024
जनेऊ पहनने के वैज्ञानिक लाभ
#####जनेऊ पहनने का लाभ######
1.जीवाणु और बैक्टीरिया से बचाव जो लोग जनेऊ पहनते हैं और इससे जुड़े नियमों का पालन करते हैं वह मल मूत्र त्याग करते वक्त अपना मुंह बंद रखते हैं। इसकी आदत पड़ जाने के बाद लोग बड़ी आसानी से गंदे स्थानों पर पाए जाने वाले जीवाणु और बैक्टीरिया ओं के प्रकोप से बच जाते हैं।
2.गुर्दे की सुरक्षा जनेऊ पहनने वाले बैठकर ही जलपान करना करते हैं। अर्थात खड़े रहकर पानी नहीं पीना चाहिए। और बैठकर ही मूत्र त्याग करते हैं। इससे किडनी का प्रेशर नहीं पड़ता।
3.हृदय रोग और ब्लड प्रेशर से बचाव शोध अनुसार मेडिकल साइंस ने भी यह पाया है कि जनेऊ पहनने वाले लोगों को हृदय रोग और ब्लड प्रेशर की आशंका अन्य लोगों के मुकाबले कम होती है शरीर के खून में प्रभाव को भी कंट्रोल करने में मददगार होता है।
4.लकवे से बचाव जनेऊ पहनने से लकवे की संभावना भी कम हो जाती है। क्योंकि जनेऊ धारण करने वाले को लघु शंका व मल त्याग करते समय दांत पर दांत रख कर बैठना चाहिए, ऐसा करने से आदमी को लकवा नहीं मारता।
5.कब्ज से बचाव जनेऊ के कान के ऊपर कसकर लपेटने से कान के पास से गुजरने वाली उन नसों का भी दबाव पड़ता है। जिनका संबंध सीधे आंतो से होता है। इस कारण कब्ज की शिकायत नहीं होती है।
6.स्मरण शक्ति की रक्षा कान पर हर रोज जनेऊ रखने और कसने से स्मरण शक्ति सही बनी रहती है। क्योंकि कान पर जनेऊ लपेटने से कान पर दबाव पड़ता है जिससे दिमाग की नसें एक्टिव हो जाती हैं।
7.बुरी आत्माओं से रक्षा ऐसा मानना है कि जनेऊ पहनने वाले के पास बुरी आत्माएं नहीं भटकती, इसका कारण यह है कि जनेऊ धारण करने वाला खुद पवित्र आत्मरूप बन जाता है, और उसमें आध्यात्मिक ऊर्जा का विकास होता है।
गुरुवार, 3 अक्तूबर 2024
नवरात्रि के नियम
नवरात्रि के व्रत को सात्विक आहार के साथ संतुलित किया जाना चाहिए। इस आहार में मांसाहारी, तले हुए और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से परहेज करना और ताजे फल और मौसमी सब्जियाँ खाना शामिल है। सात्विक आहार आपको शांति का अनुभव कराता है और तनाव के स्तर को कम करता है।
नवरात्रि में पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए। पति-पत्नी को एक ही बिस्तर नहीं सोना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें फर्श पर चटाई बिछा कर सोना चाहिए।
व्रत रखने से एक दिन पहले ही बालों को साफ कर लें, लेकिन आप अगर व्रत वाले दिन बाल धोना चाहती हैं या जरुरी हो तो कच्चे दूध को पानी में मिलकर सिर धो लें.
आप भगवान को छूने के अलावा सब कुछ कर सकते हैं। मासिक धर्म चक्र के दौरान, शारीरिक पूजा या देवता की पूजा को छोड़कर सब कुछ करने की अनुमति है। आप मंदिर जा सकते हैं, कीर्तन सुन सकते हैं, महामंत्र का जाप कर सकते हैं, यहाँ तक कि प्रसाद भी ले सकते हैं। और, आपने भगवान कृष्ण की “प्रार्थना” करने के बारे में बताया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी सुहागिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान सिंदूर नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि, ज्योतिष शास्त्र में सिंदूर को बेहद ही शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जब महिलाओं को पीरियड आता है, तो उस समय महिलाएं अशुद्ध हो जाती है।
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