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मंगलवार, 25 अप्रैल 2023

मंगलवार, 11 अप्रैल 2023

Chaitra chunar yatra


 : माँ अम्बा देवी संस्थान अमरावती घाट जिला बेतुल में स्थित है और प्रतिवर्ष यहाँ पर चूनर यात्रा माँ अंबे के श्रद्धालु भक्त निकलते हैं। मेला लगता है दूर-दूर से गांव के लोग यहाँ पर आकर माताजी के दर्शनों को पाकर अपने दुखदे दूर करते हैं। माँ अपने भक्तों के अच्छे संकल्पों को जरूर पूरा करती हैं। यहाँ पर नवनिर्मित मंदिर दर्शनीय बन चुका है।

           यहाँ अमरावती घाट में समस्त ग्रामवासियों की श्रद्धा और संगठन देखते ही बनता है। यहाँ पर कोई भी धार्मिक आयोजन हो तो सरकारी समूह की बहनें और सभी रामायण व भजन मंडल मिलकर चंदा जमा करके आयोजन को पूर्णता की ओर ले जाते हैं।

 माँ अम्बा देवी मंदिर की प्रतिमा स्वप्रकट्य है और जागृत शक्तिपीठ जैसा आभामंडल यहाँ विनिर्मित हुआ है। माँ अम्बा देवी संस्थान के समिति के सक्रिय सदस्य हमेशा ग्रामवासियों की श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए नित नए साधन सुविधाएं व्यवस्था जुटाने में लगे रहते हैं।2-3 वर्ष से प्रतिवर्ष ग्राम अमरावती घाट में भव्य चुनर यात्रा पूरे मुलताई क्षेत्र में दर्शनीय स्थल चैत्र की शोभा बढ़ाता है। यहाँ पर चुनर यात्रा की शुरुआत ग्राम के युवा साथियों के सहयोग से श्री हर्षल चरपे जी के मार्गदर्शन और अन्य वरिष्ठों के मार्गदर्शन समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से हुई थी। अब इस बार प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भव्य चुनर यात्रा महाकाल की झांकियां, माँ अम्बे की झांकी रथ पर सवार अन्य देवताओं की झांकियों को देखते ही नजारा यैसा प्रतीत होता है जैसे देवता धरती पर उतरे हुए हैं। यहाँ 4 अप्रैल से रोज भागवत कथा चल रही है, व्यसन मुक्ति की प्रदर्शनी गायत्री परिवार के द्वारा लगाई गई है।



सोमवार, 24 अक्तूबर 2022

Surya Graham 2022

 

जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते हैं और सूर्य तथा पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य ग्रहण होता है. साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण भारतीय समानुसार 25 अक्टूबर को दोपहर बाद 02 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर शाम 06 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. यह सूर्य ग्रहण 04 घंटे 3 मिनट की अवधि का है.

दिवाली और सूर्य ग्रहण का क्या है मामला? (Diwali and surya grahan timing)
दिवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है. इस साल कार्तिक अमावस्या 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी और 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट तक रहेगी. 25 अक्टूबर को ही साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा. इसलिए दीपावली का त्योहार सूतक काल से पहले मना लेना ही उचित है.

सूतक सूर्यग्रहण से 12 घंटे पहले लगता है। भारत में सूर्य ग्रहण का आरंभ शाम 04:22 से होगया, ऐसे में यहां सूतक 25 अक्तूबर को ही सुबह 04:22 मिनट से लागू हो जाएंगे। यानि दिवाली की अगली सुबह ही सूतक काल लगेगा। सूतक के दौरान कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। आइए जानते हैं क्या हैं वो जरूरी नियम। 

सूतक काल में न ही भोजन बनाया जाता है और न ही ग्रहण किया जाता। हालांकि बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं के लिए इस तरह के नियम लागू नहीं हैं। यदि भोजन पहले से बना रखा है तो उसमें तुलसी का पत्ता तोड़कर डाल दें। दूध और इससे बनी चीजों, पानी में भी तुलसी का पत्ता डालें।

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